Naming of chhattisgarh ,How Chhattisgarh got its name

0111,2023

        छत्तीसगढ़ का नामकरण

 छत्तीसगढ़ के नामकरण का इतिहास जितना प्राचीन है, उतना ही प्रशस्त है। छत्तीसगढ़ अर्थात् 36 गढ़ों (किलों) से इस क्षेत्र का नामकरण होने की सर्वमान्यता है। किन्तु छत्तीसगढ़ का नाम कब और कैसे पड़ा ?

इसके लिये इस भू-भाग की प्राचीनता का अध्ययन अति आवश्यक है। इस क्षेत्र के प्रागैतिहासिक काल के अध्ययन से ज्ञात होता है कि आदि मानव की विकास यात्रा इस क्षेत्र से प्रारंभ हुई थी इसका प्रमाण प्रागैतिहासिक काल के शैल चित्र जो आदि मानव द्वारा उकेरे गये हैं, उनमें रायगढ़ की कबरा पहाड़, सिंधनपुर, ओंगना, बोतलटा, करमागढ तथा रामगढ़ एवं चितवाडोंगरी आदि प्रमुख हैं।

जो आदिम मानव की विकास यात्रा के प्रतीक हैं। छत्तीसगढ़ शब्द का उल्लेख प्राचीन साहित्यों में, पुराणों में, रामायण में, महाभारत में कहीं नहीं मिलता है।

यदि इनमें छत्तीसगढ़ शब्द नहीं मिलता तो छत्तीसगढ़ का नाम क्या था ? छत्तीसगढ़ के प्राचीन नामकरण पर प्रकाश डालना अति आवश्यक है। इस भू-भाग प्राचीन नामकरण का विवरण इस प्रकार है –

  • छत्तीसगढ़ का रामायणकालीन नाम :-   कोसल( दक्षिण कोसल)

* राजधानी – कुशस्थली

*छत्तीसगढ़ का प्राचीन नाम कोसल था |

*कोसल का सर्वप्रथम उल्लेख साहित्य ग्रंथों  पाणिनि की अष्टाध्यायी में हुवा है|

* रतनपुर के कलचुरी शासक जाजल्यदेव प्रथम ने रत्नपुर अभिलेख में दक्षिण कौशल शब्द का प्रयोग किया

* समुद्रगुप्त के दरबारी कवि हरिसेण के अनुसार समुद्रगुप्त दक्षिण विजय अभियान के दौरान कौशल क्षेत्र से होकर गुजरे और उन्होंने कोशल के राजा महेंद्र व महाकान्तार के राजा व्याघ्रराज़ को युद्ध में पराजित किया था|

  • छत्तीसगढ़ का महाभारतकालीन नाम :-  प्राककोसल

*राजधानी – चित्रागदपुर अर्थात सिरपुर

  • छत्तीसगढ़ का गुप्तकालीन नाम :-  दक्षिणापथ
  •  अलेक्जैंडर कनिंघम ने अपनी रिपोर्ट आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया" में छत्तीसगढ़ को सर्वप्रथम महाकोशल कहा है| क्योकिं उनका कहना था की उस समय इस क्षेत्र में सभी प्रमुख चीजों के सामने महा शब्द लगाने की परंपरा चल रही थी। जैसे महानदी, महासमुंद

इसीलिए कनिंघम ने कौशल के सामने महा शब्द जोड़ा और अनुमान लगाया कि इस क्षेत्र को महाकौशल कहा जाता रहा होगा |

  • टालोमि ने "अधिष्ट्री" कहा है क्योंकि इनका मानना था कि छत्तीसगढ़ का क्षेत्र अधिष्ठान पर्वतमाला के दक्षिण में स्थित है
  • रायबहादुर हीरालाल – चेदिसगढ कहा क्योंकि क्योंकि यहाँ चेदीवंश के राजा ( है हैवंशी राजा) निवास करते थे, यही चेदीसगढ़ अपभ्रंश होकर छत्तीसगढ़ कहलाने लगा|
  • खैरागढ़ के राजा लक्ष्मीनिधि के दरबारी दलराम राव ने 1494 में सल्तनत काल में छत्तीसगढ़ शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग किया ।

                       लक्ष्मीनिधि राय सुनो चित्त दें |

                       गढ़ छत्तीसगढ़ में न गढ़या रही ||

  • गोपाल मिश्र ने खूब तमाशा 1746 मे छत्तीसगढ़ शब्द का प्रथम प्रयोग किया था
  • बाबू रेवाराम ने विक्रम विलास (1896) में छत्तीसगढ़ शब्द का प्रयोग किया था
  •  जे. टी. ब्लंट - 1795 में अपने यात्रा वृत्तान्त का वर्णन बिलासपुर गजेटियर में किया इस प्रकार शासकीय रूप से किसी ब्रिटिश अधिकारी द्वारा छत्तीसगढ़ शब्द का प्रथम बार प्रयोग किया गया था|

06:30 am | Admin


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