डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
शुरूआती जीवन : - डॉ. राजेन्द्र प्रसाद का जन्म 3 दिसंबर, 1884 को बिहार के सिवान जिले के जिरादेई गांव में एक कायस्थ परिवार में हुआ था। वह पढ़ने में काफी तेज थे और इसके साथ ही शुरू से ही उन्हें सभी धर्मो से प्रेम था। यही कारण है कि वह किसी भी धर्म, जाति, या रंग के लोगों के साथ आसानी से घुल-मिल जाते थे। उस जमाने में बाल विवाह का काफी प्रचलन था और इसीलिए डॉ० राजेन्द्र प्रसाद की शादी केवल 12 वर्ष की उम्र में ही हो गई थी। उनकी पत्नी का नाम राजवंशी देवी था।
परिवार एवं शिक्षा : - अपने जीवन में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने परिवार और शिक्षा के लिए बहुत त्याग किया। साल 1905 में गोपाल कृष्ण गोखले ने उन्हें इंडियन सोसायटी से जुडने का प्रस्तावदिया, लेकिन पारिवारिक और पढ़ाई की जिम्मेदारियों के चलते उन्होने इस प्रस्ताव को विनम्रतापूर्वक ठुकरा दिया था। डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने अपने जीवन के उस वक्त को बेहद तकलीफ देने वाला बताया है और उन्हीं परिस्थितियों के कारण पहली बार उनकी पढ़ाई पर असर पड़ा और हमेशा टॉप करने वाले डॉ. राजेन्द्र प्रसाद लॉ की परीक्षा को सिर्फ पास ही कर पाए।
चम्पारण आंदोलन में योगदान : - डॉ० राजेन्द्र प्रसाद महात्मा गांधी से बहुत प्रभावित थे और उनके समर्थक भी थे। चम्पारण आंदोलन के दौरान उन्होनें गांधी जी को काम करते देखा तो वह खुद को रोक ना सके और गांधी जी के साथ चम्पारण आंदोलन का हिस्सा होने से खुद को रोक न सके। इस आंदोलन के दौरान डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने गांधीजी का जमकर समर्थन किया।
लोगों के प्रति प्रेम और देश के लिए सेवा : - डॉ० राजेन्द्र प्रसाद स्वभाव से बेहद सरल और बड़े दिल वाले व्यक्ति थे। 1914 में बंगाल और बिहार में आई भयानक बाढ़ के दौरान उन्होने पीड़ितों की खूब सहायता की। इसी प्रकार जब 1934 में बिहार भूकंप और बाढ़ की त्रासदी के बाद मलेरिया से जुड़ रहा था, उस वक्त भी डॉ० राजेन्द्र प्रसाद पीड़ितों को खुद से कपड़े और दवाइयां बांटी।
नमक सत्याग्रह में योगदान : - 1930 में शुरू हुए नमक सत्याग्रह आंदोलन में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद एक तेज तर्रार कार्यकर्ता के रूप में नजर आए। इस आंदोलन के दौरान डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को बिहार राज्य का प्रमुख बना दिया गया, और उन्होने इस दौरान नमक बेचकर धन की व्यवस्था की। हालांकि इस आंदोलन के दौरान उन्हें कानून व्यवस्था का उल्लंघन करने के लिए 6 माह की जेल की सजा भी हुई थी।
कांग्रेस से जुडाव : - डॉ० राजेन्द्र प्रसाद साल 1934 से साल 1935 तक भारतीय कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। डॉ. प्रसाद को 1934 में कांग्रेस के बॉबे सेशन का अध्यक्ष बनाया गया और 1939 में सुभाषचंद्र बोस के जाने के बाद उन्हे त्रिपुरी कांग्रेस सेशन का भी अध्यक्ष बनाया गया। डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने महात्मा गांधी और सुभाषचंद्र बोस के बीच की दूरियों को मिटाने की भरपूर कोशिश की थी।
स्वतंत्रता के दौरान और बाद में उनका योगदान डॉ. राजेन्द्र प्रसाद का भारत की आजादी और आजादी के बाद भी देश के लिए किया गया योगदान सराहनीय है। वर्ष 1946 में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने खाद्य एवं कृषि मंत्री के तौर पर देश की सेवा की और आजादी के बाद उन्हे भारत का राष्ट्रपति चुन लिया गया। राष्ट्रपति रहते डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने भारत की छवि को मजबूत बनाने के लिए उन्होने कई देश का दौरा किया।
परीक्षा
परीक्षा की दृष्टि से निम्नलिखित बिन्दुओं को ध्यान में रखे-
1939 में कांग्रेस का अधिवेशन त्रिपुरी में हुआ और इसके अध्यक्ष सुभाष चंद्र बोस चुने गए परंतु कार्यकारिणी के गठन के प्रश्न पर गांधी से विवाद हो जाने के कारण सुभाष चंद्र बोस ने अध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे दिया इसके पश्चात् डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को ही कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था।
इंडिया डिवाइडेड नामक प्रसिद्ध पुस्तक किस लेखक की है- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को किस वर्ष का भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को 1934 के कांग्रेस के मुंबई अधिवेशन का अध्यक्ष बनाया गया था।
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को राष्ट्रपति पद से सेवानिवृत्ति के पश्चात् 1962 में इन्हें भारत का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
भारत का संवैधानिक प्रधान कौन होता है- राष्ट्रपति भारत के प्रथम राष्ट्रपति कौन थे- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद (लगातार दो बार राष्ट्रपति रहे)
दो बार उपराष्ट्रपति तथा एक बार राष्ट्रपति बनने वाले शख्स का नाम क्या था? - डॉ. एस. राधाकृष्णन
किस राष्ट्रपति के निर्वाचन के समय दूसरे चक्र की मतगणना करनी पड़ी? वी.वी. गिरी
उस राष्ट्रपति का नाम क्या था जो एक चुनाव में हार गए और फिर बाद में निर्विरोध चुने गए ? -नीलम संजीव रेड्डी
Q.राजेन्द्र प्रसाद को पूरे भारत में विख्यात होने की वजह से इनमें से किस नाम से भी जाना जाता था-
(1) राजेन्द्र बाबू
(3) दोनो
(2) देशरत्न
(4) इनमें से कोई नहीं
01:18 am | Adminसंसद में मीडिया का प्रवेश वर्जित ⇒पत्रकारों और विपक्षी नेताओं की आलोचनाओ के बीच संसद परिसर में अब मीडिया के लिए ग्लास हाउस नियम अब ...
0केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस • प्रत्येक वर्ष 24 फरवरी को 'केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस' मनाया जाता है। • वर्ष 1944 में केंद्रीय उत्पाद...
0
Subscribe
Hello...
Don't have an account? Create your account. It's take less then a minutes
Hello...
Don't have an account? Create your account. It's take less then a minutes
Hello...
Don't have an account? Create your account. It's take less then a minutes
CGPSC PRELIMS TEST SERIES 2023 -2024
CGPSC PRELIMS TEST SERIES 2023 -2024 : - दोस्तों हम आपके तैयारी को गति प्रदान करने के लिए cgpsc prelims test series आयोजित करने जा रहे है, जो सम्पूर्ण पाठ्यक्रम पर कुल 12 टेस्ट पेपर होंगे जिसमे प्रत्येक टेस्ट पर 100 प्रश्न पूछे जायेंगे तथा प्रत्येक प्रश्न 2 अंक का होगा व प्रत्येक गलत उत्तर दिए जाने पर एक – तिहाई अंक काट लिए जायेंगे |
पंजीयन करने के लिए यहाँ क्लिक करे :