Tribals Demand New State 'Bhil Pradesh' By Breaking Rajasthan, Gujarat, 2 Other States

2007,2024

भील प्रदेश' नामक एक नये राज्य के गठन की मांग

⇒राजस्थान के आदिवासी समुदाय ने 'भील प्रदेश' नामक एक नये राज्य के गठन की मांग की है, जिसे राज्य सरकार पहले ही खारिज कर चुकी है तथा भील समाज के सबसे बड़े संगठन आदिवासी परिवार समेत 35 संगठनों ने गुरुवार को महारैली में धरना प्रदर्शन किया

  • आदिवासी समाज ने राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश के 49 जिलों को मिलाकर नए राज्य के गठन की मांग की है।
  •  साथ ही राजस्थान के पुराने 33 जिलों में से 12 जिलों को नए राज्य में शामिल करने की भी मांग की है।

भील समाज

  • भील भारत तथा पाकिस्तान में निवास करने वाली एक जनजाति का नाम है।
  •  भील जनजाति भारत की सर्वाधिक विस्तृत क्षेत्र में फैली हुई जनजाति है।
  • ये मुख्य रूप से गुजरात और राजस्थान में पायी जाने वाले लोग हैं।
  • भील समाज का बहुत ही गौरवशाली इतिहास रहा है।
  • यह समाज राम भगवान के पहले से है।

भील प्रदेश की मांग

  • भील समाज में वाल्मीकि, सबरी, हनुमान, केवट, निशाद, एकलव्य, महाराणा प्रताप के साथ पूंजा भील, दुदा भील, शिवाजी के साथ में बावले भील सहित अनेक ऐसी लंबी श्रृंखला भील समाज के महापुरुषों की रही है  जिन्होंने आवश्यकता अनुसार समय-समय पर देश, समाज और धर्म के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है
  •  इन्होंने सदैव राजपूत राणाओं की मदद की महाराणा प्रताप के लिए इन्होंने अपना सब कुछ बलिदान कर दिया।

नए राज्य के गठन के प्रावधान

भारतीय संविधान के अनुच्छेद तीन में नए राज्य के गठन की शक्तियां संसद को दी गई हैं। भारतीय संविधान के अनुच्छेद तीन में नए राज्य के गठन की शक्तियां संसद को दी गई हैं।

नए राज्य के गठन की प्रक्रिया के निम्न चरण होते हैं।

1. संबंधित राज्य विधानसभा में अलग राज्य बनाए जाने संबंधी प्रस्ताव पारित किया जाता है।

2. प्रस्ताव पर केंद्रीय कैबिनेट की सहमति ली जाती है।

3. अहम मसलों पर विचार के लिए मंत्रि समूह का गठन किया जाता है।

4. मंत्रि समूह की सिफारिश पर केंद्र विधेयक का एक मसौदा तैयार करता है जिस पर कैबिनेट की दोबारा स्वीकृति ली जाती है।

5. सिफारिशों को राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है। राष्ट्रपति इसे संबंधित विधानसभा में उसके सदस्यों की राय जानने के लिए भेजते हैं। राय जानने के लिए राष्ट्रपति द्वारा एक निश्चित समयावधि तय की जाती है।

6. बिल के मसौदे को वापस केंद्र के पास आने पर राज्य के विधायकों की राय को शामिल करते हुए गृह मंत्रालय एक नया कैबिनेट नोट तैयार करता है।

7. राज्य पुनर्गठन विधेयक को केंद्रीय कैबिनेट की स्वीकृति के लिए अंतिम रूप से भेजा जाता है। तत्पश्चात इसे संसद में पेश किया जाता है। जहां इसे दोनों सदनों से साधारण बहुमत से पारित किया जाना होता है।

8. राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद नया राज्य गठित हो जाता है।

11:38 am | Admin


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