What is IPC/BNS Bhartiya Nyay Sanhita ,Know About Basics

0610,2023

भारतीय दण्ड संहिता भारत के अन्दर भारत के किसी भी नागरिक द्वारा किये गये कुछ अपराधों की परिभाषा व दण्ड का प्रावधान करती है। किन्तु यह संहिता भारत की सेना पर लागू नहीं होती। अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू एवं कश्मीर में भी अब भारतीय दण्ड संहिता (IPC) लागू है। ध्यान रहे अगस्त 2023 मे केंद्र सरकार ने इसका नाम बदलकर भारतीय न्याय संहिता(BNS)कर दिया है ,IPC बताता.है.कि किस धारा के तहत एक अपराध के लिए क्या सजा होगी ,मतलब यह सिर्फ सजा.का प्रावधान करता है।।
Bhartiya nyaya sanhita 1860
 
 
इतिहास::::----

1833 के चार्टर एक्ट के तहत 1834 में स्थापित भारत के पहले कानून आयोग लार्ड मैकाले  की सिफारिशों पर भारतीय दंड संहिता (आई.पी.सी.) 1860 में अस्तित्व में आया। यह कोड 1 जनवरी, 1862 में ब्रिटिश शासन के दौरान प्रभावी किया गया था और पूरे तत्कालीन अंग्रेजों के लिए लागू था। भारत रियासतों को छोड़कर 1940 के दशक तक उनकी अपनी अदालतें और कानूनी    प्रणालियाँ थीं।हालांकि स्वतंत्रता.के बाद इसमे बदलाव होते.रहे हैं।। वर्तमान में, आई.पी.सी. 23 अध्यायों में विभाजित है और इसमें कुल 511 खंड हैं।

भारतीय दंड संहिता 1860 के तहत सिविल कानून (Civil law) और दाण्डिक कानून (Criminal Law) आते हैं. आईपीसी अपराध की परिभाषा करती है और दंड के प्रावधान की जानकारी भी देती है. इसका मकसद पूरे भारत में एक तरह का पीनल कोड लागू करना है ताकि अलग-अलग क्षेत्रीय व स्थानीय कानूनों की जगह पूरे देश में एक ही कानून हो.

 

12:28 pm | Admin


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