सिक्किम की तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आने और सेना के 23 जवानों के लापता होने की खबर चिंतित करने वाली है। इस फ्लैश फ्लड के कारण जगह-जगह इन्फ्रास्ट्रक्चर का भी काफी नुकसान हुआ है। सड़कें तो टूटी ही हैं, सैन्य प्रतिष्ठानों को भी नुकसान पहुंचने की खबरें हैं। अभी स्वाभाविक ही सबसे ज्यादा ध्यान लापता सैनिकों की तलाश करने और यह सुनिश्चित करने पर दिया जा रहा है कि जहां भी जरूरी हो जल्द से जल्द मदद उपलब्ध करवाई जाए ताकि इस प्राकृतिक आपदा के चलते किसी के जान गंवाने की नौबत न आए। लेकिन इसके बाद इस पूरे क्षेत्र में इन्फ्रास्ट्रक्चर को हुए नुकसान का भी जायजा लेकर उन्हें जल्द से जल्द पुरानी स्थिति में लाना होगा।
उत्तरी सिक्किम का यह इलाका भारत-नेपाल सीमा के करीब पड़ता है। हालांकि फ्लैश फ्लड का मूल कारण बादल फटना है, लेकिन कई वजहें रहीं जिनसे यह हादसा अधिकाधिक गंभीर रूप लेता गया। बादल फटने की यह घटना उत्तर सिक्किम के चुंगथाम इलाके में स्थित ल्होनक झील के ऊपर हुई। यह झील ल्होनक ग्लेशियर पर बनी है। बादल फटने के बाद पानी के तेज बहाव के चलते लेक की दीवारें टूट गईं और भारी मात्रा में मलबे के साथ पानी तीस्ता में आया, जिससे नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया।
इस संबंध में गौर करने वाली एक बात यह भी है कि आपदा प्राकृतिक जरूर है, लेकिन पूरी तरह अप्रत्याशित नहीं कही जा सकती। ल्होनक झील इस क्षेत्र की 14 उन ग्लेशियल लेक्स में शामिल है, जिन्हें पहले से ही संवेदनशील माना जा रहा है। ग्लोबल वॉर्मिंग के प्रभावों से पिघल रहे ल्होनक ग्लेशियर का पानी इसी झील में जमा हो रहा था, जिससे इसका क्षेत्रफल लगातार बढ़ता जा रहा था। इसी साल मार्च महीने में संसद में पेश की गई एक रिपोर्ट में बताया गया था कि हिमालय के तमाम ग्लेशियर अलग-अलग दर से, लेकिन तेजी से पिघल रहे हैं और इस वजह से हिमालय की नदियां किसी भी समय बड़ी प्राकृतिक आपदा का कारण बन सकती हैं। यह सही है कि ग्लोबल वॉर्मिंग वैश्विक मसला है और किसी एक देश की सरकार अकेले अपने बूते इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं कर सकती, लेकिन फिर भी बड़े और संवेदनशील ग्लेशियरों की स्थिति पर लगातार नजर रखते हुए संभावित हादसों से निपटने की तैयारी जरूर की जा सकती है। इन हादसों के दायरे में आने वाले इलाकों के लोगों को भी अपेक्षाकृत ज्यादा जागरूक रखा जा सकता था।।इन. उपायों से हादसे भले न टलें लेकिन उनसे होने वाले नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
साभार::/NBT
02:09 am | Adminबिरसा मुंडा महान स्वतंत्रता सेनानी व आदिवासियों के भगवान थे ,मात्र 25 वर्ष के जीवनकाल में ये आदिवासियों के मसीहा बन गये।।इन्हे "धर...
0जम्मू-कश्मीर को जल्द मिलेगा पूर्ण राज्य का दर्जा ⇒हाल ही में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने क...
0
Subscribe
Hello...
Don't have an account? Create your account. It's take less then a minutes
Hello...
Don't have an account? Create your account. It's take less then a minutes
Hello...
Don't have an account? Create your account. It's take less then a minutes
CGPSC PRELIMS TEST SERIES 2023 -2024
CGPSC PRELIMS TEST SERIES 2023 -2024 : - दोस्तों हम आपके तैयारी को गति प्रदान करने के लिए cgpsc prelims test series आयोजित करने जा रहे है, जो सम्पूर्ण पाठ्यक्रम पर कुल 12 टेस्ट पेपर होंगे जिसमे प्रत्येक टेस्ट पर 100 प्रश्न पूछे जायेंगे तथा प्रत्येक प्रश्न 2 अंक का होगा व प्रत्येक गलत उत्तर दिए जाने पर एक – तिहाई अंक काट लिए जायेंगे |
पंजीयन करने के लिए यहाँ क्लिक करे :