Types of Economy

1110,2023

अर्थव्यवस्थाओं का वर्गीकरण::::----देशो  द्वारा अपनाई गई उत्पादन प्रणालियों तथा उनमें राज्य या सरकार की भूमिका के आधार पर अर्थव्यवस्थाओं का वर्गीकरण निम्नलिखित प्रकार से होता है :::-----


(1)पूंजीवादी अर्थव्यवस्था या.मुक्त अर्थव्यवस्था :-

इस  प्रकार की अर्थव्यवस्था में  उत्पादन व उसके साधनों पर  नियंत्रण  का निर्धारण बाजार द्वारा किया जाता है। इसमें सरकार की कोई आर्थिक भूमिका नहीं होती।पूंजीवादी अर्थव्यवस्था  उदगम स्त्रोत एडम स्मिथ की पुस्तक ‘द वेल्थ ऑफ नेशंस’ को माना जाता है।

Types of Economy

लाभ :--

  • प्रतिस्पर्धा बढ़ती है
  • गुणवत्ता बढ़ती है
  • वस्तु व सेवा की कीमत सस्ती.होती है
  • नवाचार बढ़ता है।

नुकसान :--

  • सरकार का हस्तक्षेप न होने से एकाधिकार बढ़ता है।
  • आर्थिक असमानता बढ़ती है।।

(2)राज्य अर्थव्यवस्था या समाजवादी अर्थव्यवस्था :-

इस अर्थव्यवस्था में उत्पादन, आपूर्ति और कीमत का फैसला सरकार द्वारा किया जाता है। ऐसी अर्थव्यवस्थाओं को केंद्रीकृत नियोजित अर्थव्यवस्था भी कहते हें। इस प्रकार की अर्थव्यवस्था का पहला सिद्धांत जर्मन दार्शनिक कार्ल मार्क्स (1818-1883) ने दिया था।बोल्शेविक क्रांति (1917) के फलस्वरूप सोवियत संघ में राज्य अर्थव्यवस्था का विकास हुआ, जहाँ इसे समाजवादी अर्थव्यवस्था भी कहते है। बाद के वर्षो में चीन तथा पूर्वी यूरोप के कई देशों में यह अर्थव्यवस्था प्रचलित हुई।

लाभ :--

  • सरकार का नियत्रण होने से आय का स्तर असमान नही होता
  •  वस्तुओं की कीमत नियंत्रित रहती है।

नुकसान :--

  • नवाचार नही होता 
  • अर्थव्यवस्था मे ज्यादा वृद्धि नही हो पाती।.

(3)मिश्रित अर्थव्यवस्था :-
इसमें कुछ आधारभूत और महत्वपूर्ण क्षेत्रों की आर्थिक ज़िम्मेदारी सरकार की होती है तथा बाकी आर्थिक गतिविधियाँ निजी क्षेत्र के लिये छोड़ दी जाती है। अत: मिश्रित अर्थव्यवस्था में राज्य अर्थव्यवस्था तथा पूंजीवादी अर्थव्यवस्था, दोनों के लक्षण विद्यमान रहते है।

जॉन मेनार्ड मनी ने अपनी पुस्तक ‘द जनरल थ्योरी ऑफ एंप्लोयमेंट,इंटरेस्ट एंड मनी’ में सुझाव दिया की पूंजीवादी अर्थव्यवस्था द्वारा समाजवादी अर्थव्यवस्था को अपने में समाहित करना चाहिये।
ऐसी ही सलाह 1950 के दशक में ऑस्कर लांज ने समाजवादी अर्थव्यवस्थाओं को दिया था। उनके अनुसार समाजवादी अर्थव्यवस्थाओं को पूंजीवादी अर्थव्यवस्था के अच्छे तत्वों को अपने में समाहित करना चाहिये।

भारत सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्र के सहअस्तित्व के करण एक मिश्रित अर्थव्यवस्था वाला देश है।

देशों मे विकास के आधार पर अर्थव्यवस्था को तीन भागों मे बांटा गया हे :-

  1. अविकसित 
  2. विकासशील
  3. विकसित 

अविकसित अर्थव्यवस्था :-  इस प्रकार की अर्थव्यवस्था मे आर्थिक विकास का स्तर निम्न होता है सामान्यत: इस प्रकार की अर्थव्यवस्था मे कृषि ,पशुपालन होता है जैसे-सोमालिया, चाड,बुरुंडी

विकसित अर्थव्यवस्था :- विकसित देश ऐसे देश होते हैं जो अन्य देशों की तुलना में आर्थिक और औद्योगिक तौर पर बहुत सुदृढ होते हैं। यह देश पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर होते हैं। इन देशों को प्रथम विश्व देश भी कहा जाता है।इन देशों मे विकास व रहन सहन का स्तर उंचा होता है-अमेरिका,जापान,ब्रिटेन etc 

विकासशील अर्थव्यवस्था :- विकासशील देश ऐसे देश होते हैं जो अभी पूर्ण रूप से विकसित नहीं हुए होते हैं परंतु ऐसे देश विकसित देश होने की राह पर होते हैं। ऐसे देशों में व्यक्तियों का जीवन स्तर कम होता है, प्रति व्यक्ति आय भी कम होती है और ऐसे देशों में औद्योगिक और तकनीकी प्रगति के विकास की गति भी धीमी होती है।भारत ,ब्राजील जैसे विकासशील देश कहलाते हैं।।

दूसरे देशों के साथ अंतर्संबंधों के आधार पर अर्थव्यवस्था दो प्रकार की होती है::-

  1. बंद अर्थव्यवस्था(Closed Economy ) :-  ऐसी अर्थव्यवस्था जो दूसरे देशों के लिए बंद हो.अर्थात इसमे दूसरे देशों से कोई लेनदेन नही होता ।हालांकि आज के.समय सभी अर्थव्यवस्था एक दूसरे से जुड़ी हुई है 1990 से पहले ऐसी अर्थव्यवस्था थी।
  2. खुली अर्थव्यवस्था(Open Economy ) :- ऐसी अर्थव्यवस्था जो अन्य देशों के लिए खुली.होती है दूसरे देशों सभी प्रकार का आदान प्रदान होता है आजकल लगभग सभी देश खुली अर्थव्यवस्था वाले हैं।।

04:41 am | Admin


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