CV Raman and Know what is Raman Effect

0711,2023

आज   प्रसिद्ध भौतिकशास्त्री सीवी रमन की जयंती है इनका जन्म   7  नवंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली शहर में हुआ था।।नके पिता चंद्रशेखरन रामनाथन अय्यर गणित और फिजिक्स के शिक्षक थे।

परिवार  की आर्थिक स्थिति पहले उतनी अच्छी नहीं थी।। बहुत छोटी उम्र से ही उनकी शिक्षा असाधारण रही थी, सीवी रमन का हमेशा से ही विज्ञान की ओर विशेष झुकाव रहा था, जिसके परिणामस्वरूप वह एक वैज्ञानिक बने।

वह अपने दोस्तों से गणित और फिजिक्स की किताबें अक्सर उधार ले लिया करते थे।11 साल की आयु में, उन्होंने अपनी 10वीं की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद 14 साल की उम्र में, रमन ने 1903 में प्रेसीडेंसी कॉलेज में अपनी बैचलर्स डिग्री शुरू की।।

 

वर्ष 1907 में, प्रेसीडेंसी कॉलेज से मास्टर्स डिग्री हासिल करने के बाद, उन्होंने वित्त विभाग में एक अकाउंटेंट के रूप में काम किया। वर्ष 1917 में, वे कलकत्ता यूनिवर्सिटी में फिजिक्स के प्रोफेसर बने, जहाँ उन्होंने अपनी रिसर्च को आगे बढ़ाया और विभिन्न पदार्थों में ‘प्रकाश का प्रकीर्णन’ की पढ़ाई की।

 इसी रिसर्च के चलते सीवी रमन को बहुत लोकप्रियता और प्रशंसा मिली।

रमन ने वर्ष 1917 में सरकारी नौकरी छोड़ दी और  कलकत्ता विश्वविद्यालय के फिजिक्स के प्रोफेसर के तौर पर वह नियुक्त हुए।

◆ऑप्टिक्स’ के क्षेत्र में उनके योगदान के लिये वर्ष 1924 में रमन को लंदन की ‘रॉयल सोसाइटी’ का सदस्य बनाया गया 

◆रमन प्रभाव’ की खोज 28 फरवरी 1928 को हुई।

◆वर्ष 1929 में रमन भारतीय विज्ञान कांग्रेस के अध्यक्ष भी थे।

◆ वर्ष 1930 में लाइट के स्कैटरिंग और रमन प्रभाव की खोज के लिए उन्हें फिजिक्स के क्षेत्र में प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

◆वर्ष 1934 में रमन को बैंगलोर स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान (IIS) का डायरेक्टर बनाया गया।

◆ 1948 में वो IIS से रिटायर हुए। इसके बाद उन्होंने बैंगलोर में रमन अनुसंधान संस्थान की स्थापना की।

◆1954  में भारत.रत्न से सम्मानित. किया गया।

सन 1928 को महान वैज्ञानिक और नोबेल पुरस्कार विजेता सर C V Raman ने  रमन प्रभाव (रमन इफ़ेक्ट) की खोज की थी। इस खोज से न सिर्फ इस बात का पता चला कि समुद्र का पानी नीले रंग का क्यों होता है, यह भी पता चला कि जब भी कोई लाइट किसी पारदर्शी माध्यम से होकर गुजरती है तो उसके नेचर और बर्ताव में बदलाव आ जाता है।

 

 ये पहली बार था जब किसी भारतीय को विज्ञान में नोबेल प्राइज मिला था। इसी कारण 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है।

01:44 am | Admin


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