Concept Of State part -1

1910,2023

                          #राज्य की अवधारणा

⇒दोस्तों आज से हम भारतीय संविधान व राजव्यवस्था की सीरिज शुरु कर रहे हैं पहले भाग  में हम समझेंगे कि "राज्य क्या है?

हम राज्य की अवधारणा को दो तरीके से समझेंगे, एक संपूर्ण राजनीतिक विज्ञान Entire political science ) की दृष्टि से और दूसरा भारतीय संविधान की दृष्टि से, क्योंकि दोनों जगह राज्य को अलग – अलग तरीके से परिभाषित किया गया है|

  1. समपर्ण राजनीतिक विज्ञान अर्थात पुरे विश्व के लेबल में राज्य की परिभाषा :-

राज्य क्या है :- यह एक राजनैतिक अवधारणा(political concept ) है| राज्य शब्द का प्रयोग यूँ तो विभिन्न प्रान्तों,जैसे- छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश आदि को सूचित करने के लिए भी होता है,किन्तु इसका वास्तविक अर्थ किसी प्रान्त से न होकर किसी समाज की राजनीतिक सरंचना से होता है|

वस्तुतः यह एक अमूर्त अवधारणा है, इसके चार तत्त्व होते है

  1. संप्रभुता
  2. जनसंख्या
  3. भू- भाग
  4. सरकार/शासन व्यवस्था
  1. संप्रभुता :- संप्रभुता का अर्थ है सर्वोच्च सत्ता अर्थात किसी के नियंत्रण में न होना अर्थात स्वयं बाह्य एवं आंतरिक मामलो में निर्णय लेने में स्वतंत्र होना| चूँकि संप्रभुता राज्य में ही निवास करती है, इसलिए संप्रभुता के बिना राज्य की परिकल्पना करना संभव नहीं है |
  2. जनसंख्या :- जनसंख्या राज्य का मह्त्वापूर्ण तत्व है| यदि जनसंख्या ही नहीं होगी तो राज्य का अस्तित्व निरर्थक हो जायेगा, उदहारण के लिए हम चन्द्रमा को राज्य नहीं कह सकते क्योंकि वंहा लोग नहीं रहते है| जैसे अंटार्कटिका राज्य नहीं है क्योंकि वह भी लोग नहीं रहते है लेकिन ग्रीनलैंड जैसे एक छोटा सा द्वीप राज्य है क्योंकि वंहा लोग रहते है|
  3. भू- भाग :- राज्य होने के लिए जमींन का टुकड़ा तो चाहिए ही जिस पर उस राज्य की सरकार राजनैतिक क्रियाकलाप कर सके, हवा में हम राज्य की परिकल्पना नहीं कर सकते| उदहारण के लिए भारत के पास अपनी एक भूभाग है |
  4. सरकार/शासन व्यवस्था :- सरकार एक या एक से अधिक व्यक्तियों का वह समूह है, जी व्यावहारिक स्तर पर राजनीतिक शक्ति का प्रयोग करता है, सरकार राज्य को मूर्त रूप देता है अर्थात सरकार ही वह यन्त्र है जो उन उद्देश्यों एवं लक्ष्यों को व्यावहारिक रूप देता है जिसके लिए राज्य का उदय हुआ है |

# राज्य और समाज में अंतर होता है

 *समाज :- समाज दो या दो से अधिक लोगों के समुदायों से मिलकर बने समूह को कहते है

जब किसी समाज को संप्रभुता दे दी जाए तो वह राज्य बन जाता है |

जब किसी राज्य से संप्रभुता छीन ली जाए तो वह समाज बन जाता है

⇒इसलिए भारत आजादी से पहले समाज था, भारतीय समाज  क्योंकि भारत के पास अपनी कोई संप्रभुता नहीं थी |

भारत आजादी के बाद अर्थात 15 अगस्त 1947 के बाद राज्य बना आज हमारे पास अपनी एक सम्प्रभुता है 

                         

02:54 am | Admin


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