Sardar vallabhbhai patel

3110,2023

              सरदार वल्लभ भाई पटेल

परिचय :-  31 अक्टूबर को लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्मदिन राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है।

  • सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात में हुआ।
  • लंदन जाकर उन्होने बैरिस्टर की पढ़ाई की और वापस लाकर अहमदाबाद में वकालत करने लगे।
  • महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर उन्होने भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन में भाग लिया।
  • आप सरदार पटेल के नाम से लोकप्रिय एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे।
  1. खेडा आन्दोलन :-   यह आन्दोलन अंग्रेज सरकार से भारी कर में छूट के लिए किसानों द्वारा किया गया था, जिसकी अस्वीकृति पर सरदार पटेल, गांधी एवं अन्य लोगों ने किसानों का नेतृत्व कियाअंततः सरकार झुकी और उस वर्ष करों में राहत दी गई। यह सरदार पटेल की पहली सफलता थी।
  2. बारदोली सत्याग्रह :-   भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान वर्ष 1928 में गुजरात में हुए एक प्रमुख किसान आंदोलन का नेतृत्व सरदार पटेल ने किया उस समय प्रांतीय सरकार ने किसानों के लगान में तीस प्रतिशत तक की वृद्धि कर दी थी। पटेल ने इस लगान वृद्धि का जमकर विरोध किया। इस आंदोलन की सफलता के बाद वहाँ की महिलाओं ने वल्लभ भाई पटेल को 'सरदार' की उपाधि दी।

सरदार पटेल को गांधी जी की अहिंसा नीति ने प्रभावित किया। इसलिये गांधी जी द्वारा किये गये सभी स्वतंत्रता आन्दोलन जैसे- असहयोग आंदोलन, स्वराज आंदोलन, दांडी यात्रा, भारत छोड़ो आंदोलन जैसे सभी आंदोलनों में सरदार पटेल की भूमिका अहम थी।

  1. कराची अधिवेशन :-  29 मार्च 1931 में कराची में किये गए कांग्रेस अधिवेशन में गांधी-इरविन समझौते यानी दिल्ली समझौते को स्वीकृति प्रदान की गई थी।
  • इसकी अध्यक्षता सरदार वल्लभ भाई पटेल ने की थी।
  • इसमें 'पूर्ण स्वराज्य' के लक्ष्य को फिर से दोहराया गया तथा भगतसिंह, राजगुरू व सुखदेव की वीरता और बलिदान की प्रशंसा की गई। यद्यपि कांग्रेस ने किसी भी प्रकार की राजनीतिक हिंसा का समर्थन न करने की अपनी नीति भी दोहराई।
  • इस अधिवेशन में कांग्रेस ने दो मुख्य प्रस्तावों को अपनाया जिनमें एक मूलभूत राजनीतिक अधिकारों से संबंधित था तो दूसरा राष्ट्रीय आर्थिक कार्यक्रमों से संबंधित था।

#मूलभूत राजनीतिक अधिकारों से जुड़े प्रस्ताव में निम्नलिखित प्रावधान थे-

  • अभिव्यक्ति एवं प्रेस की पूर्ण स्वतंत्रता संगठन बनाने की स्वतंत्रता ।
  • सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के आधार पर चुनावों की स्वतंत्रता।
  •  जाति, धर्म एवं लिंग इत्यादि से हटकर कानून के समक्ष समानता का अधिकार।
  • सभी धर्मों के प्रति राज्य का तटस्थ भाव ।
  1. रियासतों का एकीकरण :-
  • देश की स्वतंत्रता के पश्चात् सरदार वल्लभ भाई पटेल उप प्रधानमंत्री के साथ प्रथम गृह, सूचना तथा रियासत विभाग के मंत्री बने ।
  • 562 छोटी-बडी रियासतों का भारतीय संघ में विलीनीकरण करके भारतीय एकता का निर्माण किया ।
  • उड़ीसा से 23, नागपुर से 38 काठियावाड़ से 250 तथा मुंबई, पंजाब जैसे 562 रियासतों को भारत में मिलाया।
  • जम्मू-कश्मीर, जूनागढ़ तथा हैदराबाद राज्य को छोड़कर सरदार पटेल ने सभी रियासतों को भारत में मिला लिया था।
  • इन तीनों रियासतों में भी जूनागढ़ को 9 नवम्बर 1947 को भारतीय संघ में मिला लिया गया और जूनागढ़ का नवाब पाकिस्तान भाग गया।
  •  हैदराबाद भारत की सबसे बड़ी रियासत थी। वहाँ के निजाम ने पाकिस्तान के प्रोत्साहन से स्वतंत्र राज्य का दावा किया और अपनी सेना बढ़ाने लगा। हैदराबाद में काफी मात्रा में हथियारों के आयात से सरदार पटेल चिंतित हो गए। अतः 13 सितम्बर 1948 को भारतीय सेना हैदराबाद में प्रवेश कर गई। तीन दिन बाद निजाम ने आत्मसमर्पण कर भारत में विलय का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया।

1991 में इन्हे भारत रत्न दिया गया जिसकी आज तक आलोचना की जाती.है जबकि इनके पहले नेहरू,इंदिरा गांधी,राजीव गांधी को भारत रत्न मिल गया था।।

सरदार पटेल न होते तो आज का भारत वैसा न होता जैसा आज है ,जिस तरह से सरदार पटेल ने रियासत का एकीकरण  किया इसके लिए इन्हे भारत का बिस्मार्क भी कहते हैं।।

15 दिसंबर 1950 को बांबे मे दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया

Published by DeshRaj Agrawal 

07:48 am | Admin


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