छत्तीसगढ़ के पर्व एवं त्यौहार एक नजर में
⇒दोस्तो पर्व एवं त्यौहार को पढने से पहले हम हिन्दू कलेंडर को समझ लेते है, फिर क्रमबद्ध रूप से प्रत्येक माह के त्यौहार को पढेंगे |
- प्रत्येक माह 30/31 दिनों की होती है
- प्रत्येक माह के प्रारंभ के 15 दिन कृष्ण पक्ष कहलाता है, तथा कृष्ण पक्ष के 15वें दिन अमावस्या होती है।
- प्रत्येक माह के आखिरी 15 दिन शुक्ल पक्ष कहलाता है, तथा शुक्ल पक्ष का 15वें दिन पूर्णिमा होती है।
- चैत्र माह( मार्च – अप्रैल ) : -
- कृष्ण पक्ष - कोई त्यौहार नहीं है |
अमावश्या - कोई त्यौहार नहीं है |
- शुक्ल पक्ष - चैत्र नवरात्री प्रारंभ
- 9वें दिन रामनवमी ( डभरा में मेला )
- पूर्णिमा - सरहुल त्यौहार (सरगुजा क्षेत्र में )
- माटी त्यौहार ( बस्तर क्षेत्र )
- गोबर बोहरानी ( छिन्दगढ़ विकासखंड, सुकमा )
- चैतरई पर्व
- बैसाख माह ( अप्रैल – मई ) : -
- कृष्ण पक्ष - कोई त्यौहार नहीं है |
अमावश्या - कोई त्यौहार नहीं है |
- शुक्ल पक्ष – तृतीया – अक्ती ( अक्षया तृतीया )
- इसी दिन परशुराम जयंती भी मनाया जाता है |
- अरवा/ आखा तीज
- पूर्णिमा - कोई त्यौहार नहीं है |
- ज्येष्ठ माह ( मई – जून ) : -
- कृष्ण पक्ष - कोई त्यौहार नहीं है |
अमावश्या - वट सावित्री
- शुक्ल पक्ष - दशमी को गंगा दशहरा ( कोरिया क्षेत्र में )
- एकादशी को भीमा जात्रा ( बस्तर क्षेत्र में )
- पूर्णिमा - कोई त्यौहार नहीं है |
- आषाढ़ माह ( जून – जुलाई ) : -
- कृष्ण पक्ष - कोई त्यौहार नहीं है |
अमावश्या - कोई त्यौहार नहीं है |
- शुक्ल पक्ष - द्वितीया के दिन रथदूतिया( रथ यात्रा ) मैदानी क्षेत्र में
- गोंचा पर्व( 10 दिन तक ) बस्तर क्षेत्र में |
- बीज बोहनी पर्व कोरवा जनजाति द्वारा |
- पूर्णिमा के दिन गुरु पूर्णिमा मनाया जाता है |
- सावन माह (जुलाई – अगस्त ) : -
- कृष्णा पक्ष – कोई त्यौहार नहीं है |
अमावश्य – हरेली त्यौहार ( छ.ग. का प्रथम त्यौहार )
- अमुंस त्यौहार बस्तर क्षेत्र में
- बस्तर दशहरा प्रारंभ
- शुक्ल पक्ष - पंचमी के दिन नागपंचमी
- नवमी के दिन भोजली बोंवाई प्रारंभ
- नवमी से पूर्णिमा तक कजरी त्यौहार( केवल संतानवती माताएं हि मनाती है )
- पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन
- भाद्र/भादो माह ( अगस्त – सितम्बर ) : -
- कृष्ण पक्ष – प्रथमा के दिन भोजली विसर्जन
- चतुर्थी के दिन बहुरा चौथ मनाया जाता है |
- षष्ठी के दिन हलषष्ठी/कमरछठ मनाया जाता है |
- अष्टमी के दिन आठे कन्हैया मनाया जाता है
- एकादशी के दिन डोल ग्यारस मनाया जाता है
- करमा त्यौहार सरगुजा क्षेत्र में
- अमावश्या के दिन पोला त्यौहार मनाया जाता है |
- शुक्ल पक्ष - तृतीया के दिन हरतालिका (तीजा) मनाया जाता है |
- धनकुल पर्व मनाया जाता है बस्तर क्षेत्र में |
- चतुर्थी के दिन गणेश चतुर्थी
- पूर्णिमा के दिन नवाखाई
- कुंवार/अश्विन माह ( सितम्बर – अक्टूबर) : -
- कृष्ण पक्ष - 1 से 15 दिन तक पितर पाख
- अष्टमी पितृपक्ष को बेटा जुतिया मनाया जाता है |
- नवमी के दिन मातृ नवमीं
- शुक्ल पक्ष - 1 से 9 तक नवरात्री जोंत जंवारा
- दशमी के दिन दशहरा
- कोरा पर्व कोरवा जनजाति के द्वारा
- पूर्णिमा के दिन शरद पूर्णिमा
- कार्तिक माह ( अक्टूबर – नवम्बर ) : -
- कृष्ण पक्ष - तेरस के दिन धनतेरस
- चौदस के दिन नरक चौदस ( छोटी दिवाली )
- अमावश्या के दिन दीपावली/देवारी/सुरहुती मनाया जाता है |
- गौरा – गौरी पूजा
- शुक्ल पक्ष - प्रथमा को गोवर्धन पूजा
- दियारी त्यौहार बस्तर क्षेत्र में
- गहिरा नाच / राउत नाच
- द्वितीया के दिन भाई दूज मनाया जाता है |
- गोवर्धन पूजा के बाद इसी दिन राऊत व ठेठवार जाती के लोग मातर त्यौहार मनाते है |
- नवमी के दिन आंवला पूजा
- एकादशी के दिन देवउठनी /जेठावनी
- पूर्णिमा के दिन कोई त्यौहार नहीं है|
- अघ्घन माह ( नवम्बर – दिसंबर ) : -
- कृष्ण पक्ष - प्रत्येक गुरुवार को लक्ष्मी पूजा
- अमावश्या को कोई त्यौहार नहीं है |
- शुक्ल पक्ष – लक्ष्मी जगार बस्तर क्षेत्र में
- पूर्णिमा को कोई त्यौहार नहीं है |
- पौष/पूस ( दिसंबर – जनवरी ) : -
- कृष्ण पक्ष - कोई त्यौहार नहीं है |
अमावश्या को कोई त्यौहार नहीं है |
- शुक्ल पक्ष – षष्ठी के दिन मकर संक्रांति मनाया जाता है |
- पूर्णिमा के दिन छेर – छेरा पर्व मनाया जाता है |
- छेरता पर्व बस्तर क्षेत्र में मनाया जाता है |
- एकादशी को बड़े भजन का रामनामी मेला |
- माघ माह ( जनवरी – फरवरी ) : -
- कृष्ण पक्ष – कोई त्यौहार नहीं है |
अमावश्या – कोई त्यौहार नहीं है |
- शुक्ल पक्ष - पंचमी के दिन बसंत पचमी
- इसी दिन अरंडी की डाली गाड़कर होली के लिए लकड़ी एकत्र करते है |
- पूर्णिमा के दिन सकट पर्व देवार जाती द्वारा
- धेरसा पर्व कोरवा जनजाति द्वारा मनाया जाता है |
- फाल्गुन माह ( फ़रवरी – मार्च ) : -
- कृष्ण पक्ष - त्रयोदशी को महाशिवरात्रि
अमावश्या – कोई त्यौहार नहीं है
- शुक्ल पक्ष – मेघनाथ पर्व गोंड़ जनजाति द्वारा मनाया जाता है |
नोट : - कुछ विशेष जनजाति पर्व भी है जिसका कोई खास तिथि नहीं होता जिसको बाद में चर्चा करेंगे |
03:27 am | Admin