FESTIVAL OF CHHATTISGARH

2311,2023

 छत्तीसगढ़ के पर्व एवं त्यौहार एक नजर में 

⇒दोस्तो पर्व एवं त्यौहार को पढने से पहले हम हिन्दू कलेंडर को समझ लेते है, फिर क्रमबद्ध रूप से प्रत्येक माह के त्यौहार को पढेंगे |

  • प्रत्येक माह 30/31 दिनों की होती है
  • प्रत्येक माह के प्रारंभ के 15 दिन कृष्ण पक्ष कहलाता है, तथा कृष्ण पक्ष के 15वें दिन अमावस्या होती है।
  • प्रत्येक माह के आखिरी 15 दिन शुक्ल पक्ष कहलाता है, तथा शुक्ल पक्ष का 15वें दिन पूर्णिमा होती है।
  1. चैत्र माह( मार्च – अप्रैल ) : -
  1. कृष्ण पक्ष  - कोई त्यौहार नहीं है |

अमावश्या  -  कोई त्यौहार नहीं है |

  1. शुक्ल पक्ष  - चैत्र नवरात्री प्रारंभ
  • 9वें दिन रामनवमी ( डभरा में मेला )
  • पूर्णिमा   -  सरहुल त्यौहार (सरगुजा क्षेत्र में )
  • माटी त्यौहार ( बस्तर क्षेत्र )
  • गोबर बोहरानी ( छिन्दगढ़ विकासखंड, सुकमा )
  • चैतरई पर्व
  1. बैसाख माह ( अप्रैल – मई ) : -
  1. कृष्ण पक्ष  - कोई त्यौहार नहीं है |

अमावश्या  - कोई त्यौहार नहीं है |

  1. शुक्ल पक्ष – तृतीया – अक्ती ( अक्षया तृतीया )
  • इसी दिन परशुराम जयंती भी मनाया जाता है |
  • अरवा/ आखा तीज
  • पूर्णिमा  - कोई त्यौहार नहीं है |
  1. ज्येष्ठ माह ( मई – जून ) : -
  2. कृष्ण पक्ष  कोई त्यौहार नहीं है |

अमावश्या  -  वट सावित्री

  1. शुक्ल पक्ष  - दशमी को गंगा दशहरा ( कोरिया क्षेत्र में )
  • एकादशी को भीमा जात्रा ( बस्तर क्षेत्र में )
  •  पूर्णिमा  -  कोई त्यौहार नहीं है |
  1. आषाढ़ माह ( जून – जुलाई ) : -
  2. कृष्ण पक्ष कोई त्यौहार नहीं है |

अमावश्या  - कोई त्यौहार नहीं है |

  1. शुक्ल पक्ष -  द्वितीया के दिन रथदूतिया( रथ यात्रा ) मैदानी क्षेत्र में
  • गोंचा पर्व( 10 दिन तक ) बस्तर क्षेत्र में |
  • बीज बोहनी पर्व कोरवा जनजाति द्वारा |
  • पूर्णिमा के दिन गुरु पूर्णिमा मनाया जाता है |
  1. सावन माह (जुलाई – अगस्त ) : -
  1. कृष्णा पक्ष – कोई त्यौहार नहीं है |

अमावश्य –     हरेली त्यौहार ( छ.ग. का प्रथम त्यौहार )

  • अमुंस त्यौहार बस्तर क्षेत्र में
  • बस्तर दशहरा प्रारंभ
  1. शुक्ल पक्ष  -  पंचमी के दिन नागपंचमी
  • नवमी के दिन भोजली बोंवाई प्रारंभ
  • नवमी से पूर्णिमा तक कजरी त्यौहार( केवल संतानवती माताएं हि मनाती है )
  • पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन
  1. भाद्र/भादो माह ( अगस्त – सितम्बर ) : -
  1. कृष्ण पक्ष –  प्रथमा के दिन भोजली विसर्जन
  • चतुर्थी के दिन बहुरा चौथ मनाया जाता है |
  • षष्ठी के दिन हलषष्ठी/कमरछठ मनाया जाता है |
  • अष्टमी के दिन आठे कन्हैया  मनाया जाता है
  • एकादशी के दिन डोल ग्यारस मनाया जाता है
  • करमा त्यौहार सरगुजा क्षेत्र में
  • अमावश्या के दिन पोला त्यौहार मनाया जाता है |
  1. शुक्ल पक्ष  -  तृतीया के दिन हरतालिका (तीजा) मनाया जाता है |
  • धनकुल पर्व मनाया जाता है बस्तर क्षेत्र में |
  • चतुर्थी के दिन गणेश चतुर्थी
  • पूर्णिमा के दिन नवाखाई
  1. कुंवार/अश्विन माह ( सितम्बर – अक्टूबर) : -
  1. कृष्ण पक्ष -  1 से 15 दिन तक पितर पाख
  • अष्टमी पितृपक्ष को बेटा जुतिया मनाया जाता है |
  • नवमी के दिन मातृ नवमीं
  1. शुक्ल पक्ष  - 1 से 9 तक नवरात्री जोंत जंवारा
  • दशमी के दिन दशहरा
  • कोरा पर्व कोरवा जनजाति के द्वारा
  • पूर्णिमा के दिन शरद पूर्णिमा
  1. कार्तिक माह ( अक्टूबर – नवम्बर ) : -
  1. कृष्ण पक्ष  - तेरस के दिन धनतेरस
  • चौदस के दिन नरक चौदस ( छोटी दिवाली )
  • अमावश्या के दिन दीपावली/देवारी/सुरहुती मनाया जाता है |
  • गौरा – गौरी पूजा
  1. शुक्ल पक्ष -  प्रथमा को गोवर्धन पूजा
  • दियारी त्यौहार बस्तर क्षेत्र में
  • गहिरा नाच / राउत नाच
  • द्वितीया के दिन भाई दूज मनाया जाता है |
  • गोवर्धन पूजा के बाद इसी दिन राऊत व ठेठवार जाती के लोग मातर त्यौहार मनाते है |
  • नवमी के दिन आंवला पूजा
  • एकादशी के दिन देवउठनी /जेठावनी
  • पूर्णिमा के दिन कोई त्यौहार नहीं है|
  1. अघ्घन माह ( नवम्बर – दिसंबर ) : -
  1. कृष्ण पक्ष  - प्रत्येक गुरुवार को लक्ष्मी पूजा
  • अमावश्या को कोई त्यौहार नहीं है |
  1. शुक्ल पक्ष –  लक्ष्मी जगार बस्तर क्षेत्र में
  • पूर्णिमा को कोई त्यौहार नहीं है |
  1. पौष/पूस ( दिसंबर – जनवरी ) : -
  1. कृष्ण पक्ष  - कोई त्यौहार नहीं है |

अमावश्या को कोई त्यौहार नहीं है |

  1. शुक्ल पक्ष – षष्ठी के दिन मकर संक्रांति मनाया जाता है |
  • पूर्णिमा के दिन छेर – छेरा पर्व मनाया जाता है |
  • छेरता पर्व बस्तर क्षेत्र में मनाया जाता है |
  • एकादशी को बड़े भजन का रामनामी मेला |
  1. माघ माह ( जनवरी – फरवरी ) : -
  1. कृष्ण पक्ष – कोई त्यौहार नहीं है |

अमावश्या – कोई त्यौहार नहीं है |

  1. शुक्ल पक्ष -  पंचमी के दिन बसंत पचमी
  • इसी दिन अरंडी की डाली गाड़कर होली के लिए लकड़ी एकत्र करते है |
  • पूर्णिमा के दिन सकट पर्व देवार जाती द्वारा
  • धेरसा पर्व कोरवा जनजाति द्वारा मनाया जाता है |
  1. फाल्गुन माह ( फ़रवरी – मार्च ) : -
  1. कृष्ण पक्ष  -  त्रयोदशी को महाशिवरात्रि

अमावश्या – कोई त्यौहार नहीं है

  1. शुक्ल पक्ष – मेघनाथ पर्व गोंड़ जनजाति द्वारा मनाया जाता है |
  • पूर्णिमा को होलिका दहन

नोट : - कुछ विशेष जनजाति पर्व भी है जिसका कोई खास तिथि नहीं होता जिसको बाद में चर्चा करेंगे |

 

 

03:27 am | Admin


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