What is Tax,Fee,Duty,Cess ,Surcharge

0212,2023

अर्थव्यवस्था के संबंध में महत्वपूर्ण शब्दावली

दोस्तों भारत की अर्थव्यवस्था में ज्यादातर शब्दों के मिनिंग से प्रश्न पूछा जाता है, यदि आपको शब्द का अर्थ पता है तो आगे के टॉपिक में कोई परेशानी नहीं होगी|

 अब हम  कर(Tax), शुल्क(Duty) एवं फीस(Fees) के अंतर को समझेंगे फिर कर प्रणाली के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे |

  1. कर (Tax) :- सरकार द्वारा  बिना किसी प्रकार की सेवा दिए वसूली जाने वाली राशि को कर कहते है, करों से प्राप्त आय सबके हित में व्यय की जाती है |
  2. शुल्क (Duty) : - यह अप्रत्यक्ष सेवा के बदले वसूली जाने वाली राशि है |

जैसे : - सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क

  1. फीस (fees) : - यह प्रत्यक्ष सेवा के बदले वसूली जाने वाली राशि है |

जैसे : - ट्रेन, बस की किराया, डॉक्टर की फीस होती है, स्कूल, कॉलेज की फीस होती है|

       कर : - यह नियमित रूप से वसूला जाता है | कर के साथ दो शब्द और जुडा हुआ है जो नियमित रूप से नहीं वसूला जाता एक उपकार और दूसरा अधिभार

  1. उपकार ( Cess) : - उपकर को केवल विशिष्ट कारणों से राजस्व एकत्र करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए कर के रूप में समझा जा सकता है। भारत में, उपकर देश के सभी नागरिकों पर लागू होता है जो करदाता हैं।

इसकी गणना करदाता के आधार कर शुल्क के अतिरिक्त की जाती है।

सभी एकत्रित कर प्रारंभ में भारत की समेकित निधि , यानी, सीएफआई को निर्देशित किए जाते हैं।

सेस टैक्स जिस उद्देश्य के लिए एकत्र किया गया है, उसका उपयोग उसी उद्देश्य के लिए किया जाना चाहिए।

भारत में लगाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के उपकर हैं : -

स्वास्थ्य उपकर

शिक्षा उपकर

तम्बाकू उत्पाद

सड़क और बुनियादी ढांचा उपकर

निर्यात शुल्क उपकर

कच्चे तेल का उपकर

स्वच्छ भारत अभियान उपकर

कृषि कल्याण उपकर

मोटर कार अवसंरचना उपकर

स्वच्छ ऊर्जा उपकर

  1. अधिभार (surcharge) : - सरचार्ज देय कर पर लगाया जाता है, न कि कुल आय पर। केवल उन करदाताओं को सरचार्ज का भुगतान करना होगा जो प्रति वर्ष 50 लाख रुपये से अधिक कमाते हैं।

सरचार्ज टैक्स किन्हीं विशेष कारणों से एकत्र नहीं किया जाता है।

केंद्र सरकार सरचार्ज टैक्स के पैसे का उपयोग जैसे भी उचित समझे, कर सकती है।

शुरू में एकत्र किया गया सारा सरचार्ज भारत की समेकित निधि यानी सीएफआई में चला जाता है।

व्यक्तिगत और कॉर्पोरेट आयकर भारत में एकत्र किए जाने वाले दो प्रमुख अधिभार हैं।

उपकर और अधिभार के बीच मुख्य अंतर : -

उपकर और अधिभार के बीच मुख्य अंतर यह है कि उपकर एक निश्चित कर है, और अधिभार परिवर्तनशील है और उपकर कर के विपरीत नागरिकों के एक विशिष्ट समूह पर लगाया जाता है। उपकर की गणना करदाता के आधार कर शुल्क के ऊपर की जाती है, जबकि अधिभार देय कर पर लगाया जाता है, न कि कुल आय पर

                 कर प्रणाली

 दोस्तों पुरे विश्व में चार प्रकार के कर प्रणाली  बात की जाती है |

  1. प्रगतिशील कर प्रणाली
  2. प्रतिगामी कर प्रणाली
  3. आनुपातिक कर प्रणाली
  4. अवक्रमिक कर प्रणाली

 

  1. प्रगतिशील कर प्रणाली( Progressive  tax system) : -  आय में वृद्धि से कर की दर में निरंतर वृद्धि होना |

गुण : -  आय में समानता |

दोष : - निवेशक हतोत्साहित होते है |

2प्रतिगामी कर प्रणाली ( Regressive tax system) : - आय में वृद्धि के साथ कर की दर में कमी आना 

    गुण : - निवेशक निवेश के लिए प्रोत्साहित  होते है |

   दोष  : - आर्थिक असामनता में वृद्धि |

    

    

3. आनुपातिक कर प्रणाली( Proportionate tax system) : - आय में वृद्धि के बावजूद कर की दर में वृद्धि नहीं होती है |

   गुण : - निवेशक निवेश के लिए प्रोत्साहित  होते है |

       दोष  : - आर्थिक असामनता में वृद्धि |

           

 

         4. अवक्रमिक कर प्रणाली(Degressive Tax system) : - आय में वृद्धि के साथ कर की दर में वृद्धि होती है किन्तु एक सीमा के बाद कर की दर स्थिर हो जाती है |

             • यह प्रगतिशील आनुपातिक कर प्रणाली का मिश्रित रूप है 

             • यही कर प्रणाली भारत में पाया जाता है |

              

02:43 am | Admin


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