Sahitya Academy Award 2023

2012,2023

साहित्य अकादमी पुरस्कार 2023 की घोषणा कर दी गई है।24 भाषाओं मे इन पुरस्कारों की घोषणा की गई है।।

 

हिंदी के वरिष्ठ कथाकार संजीव को इस वर्ष के साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिए चुना गया है. साहित्य अकादमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने आज रवींद्र भवन स्थित साहित्य अकादमी भवन में इस वर्ष के साहित्य अकादमी पुरस्कार 2023 के विजेताओं की घोषणा की. 

 

इस साल 24 भारतीय भाषाओं में 9 कविता संग्रह, 6 उपन्यास, 5 कहानी संग्रह, तीन निबंध और एक आलोचना की पुस्तक को पुरस्कार के लिए चुना गया है.

अंग्रेजी भाषा में नीलम शरण गौर के उपन्यास रेक्युम इन रागा जानकी

 

 संस्कृत में अरुण रंजन मिश्र के कविता संग्रह शून्ये मेघगानम्

 

 उर्दू भाषा के लिए सादिक़ा नवाब सहर के उपन्यास ‘राजदेव की अमराई’ को पुरस्कार के लिए चुना गया है.

 

 अन्य भाषाओं की बात करें तो डोगरी भाषा के लिए विजय वर्मा, गुजराती के लिए विनोद जोशी, कश्मीरी के लिए मंशूर बनिहाली, मणिपुरी भाषा के लिए सोरोख्खैबम गंभिनी, ओड़िया भाषा के लिए आशुतोष परिडा, पंजाबी के लिए स्वर्णजीत सवी, राजस्थानी के लिए गजेसिंह राजपुरोहित, सिंधी के लिए विनोद आसुदानी की कृतियों को चुना गया है.

 

 इन सभी को कविता संग्रह के लिए पुरस्कृत किया जाएगा. उपन्यास के लिए बांग्ला भाषा में स्वपनमय चक्रबर्ती, मराठी में कृष्णात खोत और तमिल में राजशेखरन को चुना गया है.

विजेता लेखकों को पुरस्कार स्वरूप एक उत्कीर्ण ताम्रफलक, शॉल और एक-एक लाख रुपये की राशि दी जाएगी. रये पुरस्कार एक जनवरी 2017 से 31 दिसंबर 2021 के दौरान पहली बार प्रकाशित पुस्तकों के आधार पर घोषित किए गए हैं. 

भारतीय भाषाओं के साहित्य और साहित्यकारों को बढ़ावा देने के लिए 1954 में साहित्य अकादमी की स्थापना की गई थी.  इसके पहले अध्यक्ष तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू थे. 

 

वहीं, राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन, अबुल कलाम आजाद,, जाकिर हुसैन, उमाशंकर जोशी, महादेवी वर्मा, और रामधारी सिंह दिनकर इसकी पहली काउंसिल के सदस्य थे.

 

साहित्य अकादमी पुरस्कार का मकसद भारत की समृद्ध और विविध साहित्यिक विरासत को बढ़ावा देना और उसको संरक्षित रखना है. भारत के बाहर भारतीय साहित्य को प्रोत्साहित करने के लिए अकादेमी दुनिया के विभिन्न देशों के साथ साहित्यिक विनिमय कार्यक्रमों का आयोजन भी करती है।।

 

08:50 am | Admin


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