What is New Hit and Run law ,New Driver law

0201,2024

राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita 2023) अब कानून बन चुका है. आने वाले समय में इसके नए प्रावधान इंडियन पीनल कोड (IPC) के पुराने कानूनों की जगह ले लेंगे. लेकिन इसके एक प्रावधान को लेकर अभी से विरोध शुरू हो गया है.

इस विरोध का कारण है हिट एंड रन (Hit and Run) का नया कानून. नया कानून कहता है कि अगर सड़क दुर्घटना (Road Accident) में किसी की मौत हो जाती है और गाड़ी चालक मौके से फरार हो जाता है तो उसे 10 साल की सजा हो सकती है. साथ ही जुर्माना भी भरना पड़ेगा.।।

सरकार द्वारा लाये गए हिट एंड रन के नए नियमों के खिलाफ उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, राजस्थान सहित देश भर के कई राज्यों के ट्रक ड्राइवर और ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर विरोध कर रहे है.

नये. कानून के विरोध में कई राज्‍यों के ट्रक ड्राइवरों ने चक्‍काजाम शुरू कर दिया है. 

चलिये जानते है क्यों इन नियमों का विरोध किया जा रहा है.

 केंद्र सरकार ने 'हिट एंड रन' से जुड़े मामलों से सख्ती से निपटने के लिए भारतीय न्याय संहिता के तहत नए नियम को लागू किया है. इसके तहत ऐसे मामलों में ड्राइवरों को 10 साल तक की सजा व  जुर्माने की बात कही गयी है.

इसके तहत लापरवाही से गाड़ी चलाने वाले ड्राइवरों पर सख्त कानून बनाया गया है. नए प्रावधानों के अनुसार गंभीर सड़क दुर्घटना का कारण बनने वाले ड्राइवरों पर नकेल कसने की तैयारी की गयी है. गंभीर सड़क दुर्घटनाओं के समय ड्राइवरपुलिस या प्रशासन के किसी भी अधिकारी को सूचित किए बिना दुर्घटना स्थल से भाग जाते थे.

केंद्र द्वारा लागू नए कानून के खिलाफ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन और ड्राइवरों का समूह राज्यव्यापी हड़ताल के समर्थन में उतर आये है.  नियमों के कारण ड्राइवरों में खासी नाराजगी है और उन्हें लगता है कि उनके साथ ज्‍यादती की गयी है. बता दें कि ये नियम हर वाहन चलाने वाले पर लागू होता है जो भी वेहिकल है टू व्हीलर से लेकर फोर ,सिक्स सभी गाड़ियो पर ये लागू होगा।ये कानून सिर्फ ट्रक के लिए लागू है ऐसी अफवाह गलत है।।

 

पुराने नियमों के तहत अभी तक हिट एंड रन के केस में आईपीसी की धारा 279 (लापरवाही से वाहन चलाने), 304A (लापरवाही के कारण मौत) और 338 (जान जोखिम में डालना) के तहत केस दर्ज किया जाता था जिसमें 2 साल की सजा का प्रावधान होता था लेकिन अब इसमें बदलाव कर दिया गया है.अब सजा बढ़ा दी गई है जबकि जुर्माना कितना होगा उल्लेख नही किया गया ,मृत्यु होने पर हिट एंड रन मे सजा गैर जमानती है।

◆हिट एंड रन मे सीधे गिरफ्तारी का प्रावधान है ,साथ ही 24 घंटे के अंदर सेशन कोर्ट(7 साल से अधिक सजा.मे)मे पेश करना होगा।मामला लंबा चल सकता है

◆नियम मे कहां गया है कि यदि दुर्घटना होने पर व्यक्ति पुलिस को सूचित करता है या उसे अस्पताल पहुचाए तो  उस पर सजा कम होगी जबकि यह जमानती होगा।

इन नए नियमों को लेकर ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस का कहना है कि ड्राइवरों में इसको लेकर काफी नाराजगी है और ड्राइवर इस नए नियम को वापस लेने की मांग कर रहे है. 

धारा की.बात करें तो IPC की.धारा 304(1) जिसे दुर्घटना मे मृत्यु. होने पर 2 साल की सजा.थी.,उसकी जगह भारतीय न्याय.संहिता मे 104(1) लाया गया है जिसमे सजा साल की गई. है जबकि 104(2) धारा जोडी गई है जिसमे मृत्यु होने.पर भागने की स्थिति मे 10 साल जेल ।।

नये कानून मे धारा 123 जोड़ी गई है जिसमे कहा गया है कि यदि कोई ऐसा कार्य करेगा जिससे वैयक्तिक क्षेम संकटापन्न हो तो उसमे भी.सजा.का प्रावधान किया गया है।।जैसे कट मारकर निकलना और आप गिर जाएं

IPC की धारा 337 ,338 की जगह भारतीय न्याय संहिता मे 123(1),123(2) ने लिया है जिसमे सजा क्रमश: 6 माह व 3 वर्ष किया गया है।

पक्ष::-लापरवाही से जो गाड़ी चलाते है उस पर लगाम लगेगी

◆दुर्घटना कम होंगी।

◆डर की वजह से गाड़ियों की स्पीड कम होगी।

 

विपक्ष::--◆कई जगह रोड की स्थिति खराब है पहले उसे सुधारने पर ध्यान दे

◆सजा का प्रावधान बहुत ज्यादा कर दिया गया है जबकि ये गैर इरदतन है

◆सड़क पर मवेशियों पर सरकार का कोई कंट्रोल नही है

◆ट्रेफिक सेंस के लिए पहले वयापक जागरूकता अभियान चलाना चाहिए

◆यदि कोई व्यक्ति सरेंडर करता है तो उसे भीड़ मार देती है उसके पास भागने के अलावा कोई रास्ता नही बचता।

◆हमारे देश मे अभी दुर्घटना के लिए बड़े वाहन.को जिम्मेदार ठहराया जाता है ऐसे मे छोटे वाहन की गलती होने पर भी बड़े वाहन के चालक को सजा होती है।।

◆यदि सामने वाले ने क्लेम किया तो चालक की पूरी जमापुंजी इसी मे निकल जाएगी।।साथ ही कानूनी पेंच ड्राइवर समझ पाएंगे ,संभव.नही है।

कुल मिलाकर सरकार  को इस कानून मे सुधार करना होगा ,वरना हड़ताल लंबी चल सकती है और इससे जनजीवन व्यापक रुप.से प्रभावित होगा।।

Admin::-DesRaj Agrawal 

02:13 am | Admin


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