Vinayak Damodar Savarkar

2602,2024

विनायक दामोदर सावरकर

 

 इनका जन्म 28 मई, 1883 को महाराष्ट्र के नासिक ज़िले के भागुर ग्राम में हुआ था। तथा इनका मृत्यु 26 फ़रवरी  1966 को मुंबई में हुआ था |

 

 सावरकर महान क्रांतिकारी, स्वतंत्रता सेनानी, राष्ट्रवादी नेता, समाजसुधारक, इतिहासकार तथा विचारक थे।

संबंधित संगठन और कार्य: -
•उन्होंने अभिनव भारत सोसाइटी नामक एक भूमिगत सोसाइटी (Secret Society) की स्थापना की।
•सावरकर यूनाइटेड किंगडम गए और इंडिया हाउस (India House) तथा फ्री इंडिया सोसाइटी (Free India Society) जैसे संगठनों से जुड़े।
•वे वर्ष 1937 से 1943 तक हिंदू महासभा के अध्यक्ष रहे।
•सावरकर ने 'द हिस्ट्री ऑफ द वार ऑफ इंडियन इंडिपेंडेंस' नामक एक पुस्तक लिखी जिसमें उन्होंने 1857 के सिपाही विद्रोह में इस्तेमाल किये गए छापामार युद्ध (Guerilla Warfare) के तरीकों (Tricks) के बारे में लिखा था।
•उन्होंने 'हिंदुत्व: हिंदू कौन है?' पुस्तक भी लिखी|
अभिनव भारत सोसाइटी (यंग इंडिया सोसाइटी): -
 
यह वर्ष 1904 में विनायक दामोदर सावरकर और उनके भाई गणेश दामोदर सावरकर द्वारा स्थापित एक भूमिगत सोसाइटी (Secret Society) थी।
 
प्रारंभ में नासिक में मित्र मेला के रूप में स्थापित समाज कई क्रांतिकारियों और राजनीतिक कार्यकर्त्ताओं के साथ भारत तथा लंदन के विभिन्न हिस्सों में शाखाओं से जुड़ा था।
इंडिया हाउस:-
•इसकी स्थापना श्यामजी किशन वर्मा ने वर्ष 1905 में लंदन में की थी।
•इसे लंदन में भारतीय छात्रों के बीच राष्ट्रवादी विचारों को बढ़ावा देने के लिये खोला गया था।
फ्री इंडिया सोसाइटी:-
•सावरकर वर्ष 1906 में लंदन गए। उन्होंने जल्द ही इटैलियन राष्ट्रवादी ग्यूसेप माज़िनी (सावरकर ने माज़िनी की जीवनी लिखी थी) के विचारों के आधार पर फ्री इंडिया सोसाइटी की स्थापना की।
हिंदू महासभा:-
 
अखिल भारत हिंदू महासभा (Akhil Bharat Hindu Mahasabha) भारत के सबसे पुराने संगठनों में से एक है, इसका गठन वर्ष 1907 में हुआ था। प्रतिष्ठित नेताओं ने वर्ष 1915 में अखिल भारतीय आधार पर इस संगठन का विस्तार किया।
 
इस संगठन की स्थापना करने वाले और अखिल भारतीय सत्रों की अध्यक्षता करने वाले प्रमुख व्यक्तित्वों में पंडित मदन मोहन मालवीय, लाला लाजपत राय, वीर विनायक दामोदर सावरकर आदि शामिल थे।
•25 फरवरी 1931 को सावरकर ने बम्बई प्रेसीडेंसी में हुए अस्पृश्यता उन्मूलन सम्मेलन की अध्यक्षता की
मुकदमे और सज़ा: -
•वर्ष 1909 में उन्हें मॉर्ले-मिंटो सुधार (भारतीय परिषद अधिनियम 1909) के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
•1910 में क्रांतिकारी समूह इंडिया हाउस के साथ संबंधों के लिये गिरफ्तार किया गया।
•सावरकर पर एक आरोप नासिक के कलेक्टर जैक्सन की हत्या के लिये उकसाने का था और दूसरा भारतीय दंड संहिता 121-ए के तहत राजा (सम्राट) के खिलाफ साजिश रचने का था।
•दोनों मुकदमों में सावरकर को दोषी ठहराया गया और 50 वर्ष के कारावास की सज़ा सुनाई गई, जिसे काला पानी भी कहा जाता है, उन्हें वर्ष 1911 में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में सेलुलर जेल ले जाया गया।
 

01:22 am | Admin


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