Do citizens also have the right to criticize the government's decisions?

0903,2024

नागरिकों को सरकार के फैसले की आलोचना का अधिकार भी प्राप्त है ?

उच्चतम न्यायालय ने असहमति के अधिकार को मौलिक अधिकार का अपरिहार्य अंग बताते हुए लोकतंत्र के जीवित रहने के लिए आलोचना की उपस्थिति की आवश्यकता को प्रस्तुत किया है।

मामला : -

उच्चतम न्यायालय महाराष्ट्र के कोल्हापुर कॉलेज में कार्यरत कश्मीरी प्रोफेसर जावेद अहमद हजाम के खिलाफ एक आपराधिक मामले की सुनवाई कर रहा था।

• 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर के लिए काला दिन बताते हुए एक व्हाट्सएप स्टेटस पोस्ट करना तथा पाकिस्तान को स्वतंत्रता दिवस पर शुभकामनाएँ देना

इनके विरुद्ध 10 अप्रैल, 2023 को बॉम्बे उच्च न्यायालय ने FIR (धारा-153ए) रद्द करने की उनकी याचिका खारिज कर दी थी।

धारा 153-ए : धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना और सद्भाव के प्रतिकूल कार्य करना दंडनीय अपराध है।

उच्चतम न्यायालय का पक्ष :

इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति ओका और भुइयां की पीठ द्वारा की गई थी।

वैध और कानूनी तरीके से असहमति का अधिकार अनुच्छेद 19(1)(a) के तहत गारंटीकृत अधिकारों का एक अभिन्न अंग है।

• प्रत्येक व्यक्ति को दूसरों के असहमति के अधिकार का सम्मान करना चाहिए।

सरकार के फैसलों के खिलाफ शांतिपूर्वक विरोध करने का अवसर लोकतंत्र का एक अनिवार्य हिस्सा है।

•वैध तरीके से असहमति के अधिकार को अनुच्छेद 21 द्वारा गारंटीकृत सम्मानजनक और सार्थक जीवन जीने के अधिकार के एक हिस्से के रूप में भी स्वीकार किया जाना चाहिए।

अदालत ने कहा कि 5 अगस्त को "काला दिवस" के रूप में संदर्भित करना विरोध और दर्द की अभिव्यक्ति का एक रूप है।

•पाकिस्तान के लोगों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देना एक सद्भावना संकेत माना जाता है।

अपीलकर्ता के इरादों को केवल इसलिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि वह एक विशेष धर्म से है।

यदि राज्य के कार्यों की हर आलोचना या विरोध को धारा 153-ए के तहत अपराध माना जाएगा, तो लोकतंत्र, जो भारत के संविधान की एक अनिवार्य विशेषता है, जीवित नहीं रहेगा।

 

Q. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये :

1. वैध तरीके से असहमति के अधिकार को अनुच्छेद 21 द्वारा सम्मानजनक और सार्थक जीवन जीने के अधिकार के एक हिस्से के रूप में भी स्वीकार किया जाना चाहिए।

2. सरकार की प्रत्येक आलोचना धारा 153ए के तहत आलोचना नहीं हैं। उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं:

(a) केवल 1

(b) केवल 2

(c) 1 और 2 दोनों

(d) न तो 1 न ही 2

02:17 am | Admin


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