Citizenship Amendment Act, 2019

1403,2024

नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA) 2019

⇒ इसके माध्यम से नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन किया गया। इसके तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न के कारण 31 दिसंबर, 2014 को या उससे पहले भारत आए हिंदु, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई लोगों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी।

  • इन्हें भारत की नागरिकता प्राप्त करने के लिये पासपोर्ट एवं वीज़ा जैसे दस्तावेज़ों की आवश्यकता नहीं होगी।
  •  इन समुदायों को विदेशी अधिनियम, 1946 और पासपोर्ट अधिनियम, 1920 के अंतर्गत किसी भी आपराधिक मामले से छूट दी जाएगी।
  •  ये अधिनियम भारत में अवैध रूप से प्रवेश करने और वीजा या परमिट समाप्त होने के बाद भी यहाँ रहने वाले लोगो के लिये दंड देने की व्यवस्था से संबंधित हैं।
  •  इनके लिये, भारत की नागरिकता प्राप्त करने के लिए आवश्यक 11 वर्षों तक देश में निवास की शर्त को घटाकर 5 वर्ष कर दिया गया है।

वर्तमान में देशीयकरण द्वारा भारत की नागरिकता प्राप्त करने का नियम -

• कोई व्यक्ति विगत 14 वर्षों में 11 वर्षों तक वह भारत में रहा हो।

• पिछले 12 महीने से वह देश में रह रहा हो।

⇒ CAA उन लोगों पर पर लागू नहीं होता है, जो वर्तमान में भारतीय नागरिक हैं।

किसे मिलेगी नागरिकता?

 इसके तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में प्रवेश करने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी या ईसाई धर्म के लोगों को नागरिकता प्रदान की जाएगी।

कैसे मिलेगी नागरिकता?

  •  पहले, आवेदकों को पाकिस्तान, बांग्लादेश या अफगानिस्तान के वैध विदेशी पासपोर्ट के साथ आवासीय परमिट की एक प्रति की आवश्यकता होती थी।
  •  अब पासपोर्ट और भारत द्वारा जारी आवासीय परमिट की आवश्यकता समाप्त कर दी गयी है।
  •  वीज़ा के स्थान पर स्थानीय निकाय के निर्वाचित सदस्य द्वारा जारी प्रमाण पत्र भी पर्याप्त होगा।
  •  निम्नलिखित दस्तावेजों में से किसी एक को भी पाकिस्तान, बांग्लादेश या अफगानिस्तान की नागरिकता के प्रमाण के रूप में स्वीकार किया जायेगा, जैसे- पासपोर्ट, रजिस्ट्रीकरण प्रमाण-पत्र, जन्म प्रमाण-पत्र या अन्य कोई पहचान दस्तावेज।
  •  आवेदक के 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में प्रवेश के प्रमाण के रूप में निम्नलिखित दस्तावेजों में से कोई भी स्वीकार्य होगा, जैसे - वीज़ा, राशन कार्ड, वोटर ID कार्ड, पैन कार्ड, बैंक दस्तावेज, विद्युत बिल इत्यादि।
  • आवेदक को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल भाषाओं की जानकारी के लिए किसी सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं होगी। उसका भाषा बोलने में सक्षम होना ही पर्याप्त होगा।

कहां करना होगा आवेदन ?

  • आवेदक को जिलाधिकारी के पास आवेदन नहीं करना होगा।
  • आवेदन की प्रक्रिया ऑनलाइन होगी।
  • इसके लिए गृह मंत्रालय ने एक वेब पोर्टल लॉन्च किया है: http://Indiancitizenshiponline.nic.in
  •  केंद्र सरकार द्वारा एक अधिकार प्राप्त समिति और एक जिला स्तरीय समिति का गठन किया जायेगा।
  • समिति के पास आवेदन की जांच करने और भारतीय नागरिकता देने या अस्वीकार करने का अधिकार होगा।
  • भारतीय नागरिक के रूप में पंजीकृत प्रत्येक व्यक्ति को एक डिजिटल प्रमाणपत्र दिया जाएगा।
  • राज्य सरकारों की इस प्रक्रिया में सीमित भागीदारी होगी।

किन क्षेत्रों को छूट दी गयी है?

  •  संविधान की छठी अनुसूची में शामिल असम, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा के आदिवासी क्षेत्रों को छूट दी गयी है।
  • इसमें असम में कार्बी आंगलोंग, मेघालय में गारो हिल्स, मिजोरम में चकमा जिले और त्रिपुरा में आदिवासी क्षेत्र के जिले शामिल हैं।

01:04 am | Admin


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