What is Sada Darshan?

2903,2024

षड दर्शन

⇒ भारत के दार्शनिक प्रणाली की छह पद्धतियाँ सांख्य और योग, न्याय और वैशेषिक, मीमांसा और वेदांत हैं।

  1. कपिल मुनि द्वारा प्रवर्तित सांख्य दर्शन को भारत का प्राचीनतम दर्शन माना जाता है। सांख्य चेतना और पदार्थ का एक प्रवल द्वैतवादी और नास्तिक सैद्धांतिक विश्लेषण है।
  2.  योग दर्शन के प्रणेता पतंजलि हैं जिन्होंने 'योगसूत्र' नामक ग्रंथ की रचना की। इसके अनुसार ज्ञानेन्द्रियों और कर्मेन्द्रियों का निग्रह, योगमार्ग का मूलाधार है।
  3.  न्याय-दर्शन के प्रवर्तक महर्षि गौतम माने जाते हैं, जिनका ग्रंथ 'न्यायसूत्र' इस दार्शनिक प्रवृत्ति का पहला ग्रंथ माना जाता है। इस दर्शन में तर्क और प्रमाण के प्रयोग का महत्त्व प्रतिपादित हुआ है।
  4.   वैशेषिक दर्शन के प्रवर्तक महर्षि कणाद हैं जिन्होंने 'कणाद-सूत्र' रचा। इन्होंने द्रव्य अर्थात् भौतिक तत्त्वों का विवेचन करते हुए परमाणुवाद की स्थापना की। कर्मकांड, यज्ञ आधारित इस दर्शन के प्रतिपादन में आचार्य जैमिनी का नाम अग्रगण्य है।
  5. मीमांसा स्कूल के तत्वमीमांसा में नास्तिक और आस्तिक दोनों सिद्धांत शामिल हैं। ईसा पूर्व दूसरी सदी में संकलित बादरायण का ब्रह्मसूत्र वेदांत दर्शन का मूल ग्रंथ है। इसे उत्तर मीमांसा भी कहते हैं।
  6. उपनिषद का अध्ययन, वेदों का अंतिम खंड, वेदांत का केंद्र बिंदु है। इसमें विचार के कई स्कूल भी शामिल हैं, जो व्यक्तिगत आत्म (आत्मान) के शाश्वत केंद्र और निरपेक्ष (ब्राह्मण) के बीच संबंध की प्रकृति और पहचान की डिग्री के आधार पर एक दूसरे से अलग हैं।

01:51 am | Admin


Comments


Recommend

Jd civils,Chhattisgarh, current affairs ,cgpsc preparation ,Current affairs in Hindi ,Online exam for cgpsc

Indus Valley Civilization part 1

indian history

हड़प्पा सभ्यता : 2500-1800 ई. पू. ⇒हड़प्पा सभ्यता आद्य ऐतिहासिक काल से सम्बन्धित है। 1921 ई. में रायबहादुर दयाराम साहनी द्वारा हड़प्पा की खोज ...

0
Jd civils,Chhattisgarh, current affairs ,cgpsc preparation ,Current affairs in Hindi ,Online exam for cgpsc

Know About Grand Slam ,History ,what is Carrer Grand Slam

Grand Slam ,Career Grand slam

विश्व के प्रसिद्ध 4 टेनिस टुर्नामेंट तो सभी जानते हैं लेकिन इनके बारे में कम ही लोगों को पता है इसमे हम ग्रैंड स्लेम के बारे में जानेंग...

0

Subscribe to our newsletter