स्लीपिंग जाइंट’ ब्लैक होल
⇒वैज्ञानिकों ने हमारी आकाशगंगा में सूर्य के द्रव्यमान से 33 गुना बड़ा एक नया ‘स्लीपिंग जाइंट’ ब्लैक होल खोजा, इसका नाम गैया बीएच3 (सूर्य के द्रव्यमान से लगभग 33 गुना बड़ा) है |
क्या है स्लीपिंग जाइंट’ ब्लैक होल ?
- ‘स्लीपिंग जाइंट’ ब्लैक होल मतलब : सोता हुआ विशाल ब्लैक होल.
- यह पहली बार है कि तारकीय उत्पत्ति का इतना बड़ा ब्लैक होल आकाशगंगा में खोजा गया है।
- तारकीय मतलब : सितारों से संबंधित।
- तारकीय ब्लैक होल छोटे होते हैं।
- आपको बता दें कि सबसे छोटे ब्लैक होल भी एक बड़े पर्वत के बराबर हो सकते हैं।
- स्पेस डॉट कॉम के अनुसार तारकीय ब्लैक होल या तारकीय-द्रव्यमान वाले ब्लैक होल तब बनने हैं जब एक बड़े तारे का ईंधन खत्म हो जाता है और वह ढह जाता है।
किस तारामंडल में हुई खोज ?
- द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार यह खोज एक्विला (Aquila) तारामंडल में हुई है।
- आकाशगंगा में Aquila एक महत्वपूर्ण तारामंडल है।
- इसका नाम यूनानी भाषा के ‘ईगल’ से लिया गया है, जिसका अर्थ है ‘बाज़’
- इस विशाल ब्लैक की खोज यूरोपीय अंतरिक्ष दूरबीन ‘गैया’ से की गई थी, जो आकाशगंगा में अरबों तारों की गति को ट्रैक करती है।
- गैया, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) की एक अंतरिक्ष वेधशाला है, जिसे 2013 में लॉन्च किया गया था।
आकाशगंगा में तीन तारकीय ब्लैक होल
- गैया बीएच1 : सूर्य के द्रव्यमान से 10 गुना बड़ा
- सिग्नस एक्स-1 : सूर्य के द्रव्यमान से 21 गुना बड़ा
- गैया बीएच3 : सूर्य के द्रव्यमान से 33 गुना बड़ा (नया खोजा गया ब्लैक होल)
- इनमें से दो ब्लैक होल का नाम ‘गैया’ अंतरिक्ष वेधशाला के नाम पर है। एक का नाम सिग्नस जहाज के नाम पर है।
ब्लैक होल पृथ्वी से कितना दूर है?
- यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) ने 16 अप्रैल 2024 को कहा कि वैज्ञानिकों ने हमारे ग्रह (पृथ्वी) से 2000 प्रकाश से भी कम दूरी पर एक ब्लैक होल का पता लगाया है।
- 1 प्रकाश वर्ष : लगभग 9.461 × 10^12 Km
- सभी के मन में सवाल होगा कि सूर्य का द्रव्यमान कितना होता है?
- सूर्य का द्रव्यमान : लगभग 1.989 × 10^30 KG
- मतलब करीब 3,33,000 गुणा पृथ्वी के द्रव्यमान के बराबर।
- एक पृथ्वी का द्रव्यमान : लगभग 5.972 × 10^24 KG
ब्लैक होल क्या होता है?
- ब्लैक होल एक ऐसा क्षेत्र होता है जो खगोल (Astronomy) में स्थित होता है और जहाँ गुरुत्वाकर्षण इतना मजबूत होता है कि उसके अंदर किसी भी प्रकार का प्रकाश नहीं जा सकता। ना ही कोई वस्तु बाहर निकल सकती है।
- इसके चारों ओर की जगह इतनी अँधेरी और काली दिखती है कि वह बिल्कुल काला होता है।
- इसी वजह से हम इसे “ब्लैक होल” कहते हैं।
- ब्लैक होल बड़े छोटे दोनों हो सकते हैं।
अगस्त 2022 में नासा ने ब्लैक होल के आस-पास की अवाज को रिकॉर्ड किया था.
- नासा ने इसे परसियस गैलेक्स से रिकॉर्ड किया है।
- जो उससे 20 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर है।
- इस साउंड को वैज्ञानिकों ने एडिट किया है, ताकि हम सुन सकें।
- वैज्ञानिकों का कहना है कि ये असल ब्लैक होल नहीं है, जो हम सुन रहे हैं।
- जो आवाज हमें ब्लैक होल की लग रही है वह उस क्षेत्र को घेरने वाली ऊर्जा की वजह से पैदा होने वाला साउंड है।
- असल में ब्लैक होल की खुद की आवाज नहीं है, क्योंकि ब्लैक होल से कुछ नहीं बचता है।
- ब्लैक होल के इर्द-गिर्द क्षेत्र है, जो कई गैलेक्सी का बड़ा समूह है।
- वहां पर गैस का घनत्व ज्यादा है, इससे प्रेशर वेव या साउंड वेव बनती है।
- ये वेव गैस के जरिए ट्रैवल करती है और दोबारा प्रेशर वेव बनाती हैं।
- यह फ्रीक्वेंसी के मामले में काफी कम है।
- लेकिन इसे 50 ऑक्टेव तक ले जाया गया है, ताकि इंसान इसे सुन सकें।
12:15 pm | Admin