नालंदा विश्वविद्यालय का इतिहास
स्थापना और समयावधि: -
स्थान: -
शैक्षणिक प्रतिष्ठान: -
प्रसिद्ध शिक्षक और विद्यार्थी: -
संरचना और इंफ्रास्ट्रक्चर: -
अंत और विनाश: -
12वीं शताब्दी में बख्तियार खिलजी के आक्रमण के दौरान नालंदा विश्वविद्यालय को नष्ट कर दिया गया।
इस आक्रमण में पुस्तकालयों को आग लगा दी गई, जिससे हजारों पांडुलिपियां जलकर खाक हो गईं। यह घटना नालंदा विश्वविद्यालय के पतन का प्रमुख कारण बनी।
महत्व और विरासत: -
### निष्कर्ष
नालंदा विश्वविद्यालय प्राचीन भारत की शैक्षणिक और सांस्कृतिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह विश्वविद्यालय न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व के विद्वानों और शोधकर्ताओं के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा है। इसका इतिहास भारतीय ज्ञान और शिक्षा की उत्कृष्टता का प्रतीक है, जो सदियों तक विद्वानों और विद्यार्थियों को आकर्षित करता रहा।
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