Ravi Kishan introduces bill for official status to Bhojpuri,

3007,2024

संविधान की 8 वीं अनुसूची में शामिल होगी भोजपुरी ? रवि किशन ने पेश किया बिल

हाल ही में भाजपा सांसद रवि किशन द्वारा लोकसभा में एक निजी सदस्य विधेयक पेश किया गया है

  • संसद सदस्य (जो मंत्री नहीं है) द्वारा प्रस्तुत किया गया विधेयक को निजी सदस्य विधेयक कहा जाता है
  •  इस विधेयक में भोजपुरी भाषा को आधिकारिक भाषा का दर्जा दिलाने की बात कही गई है
  • भोजपुरी को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करवाना
  • सांसद रवि किशन के अनुसार भोजपुरी भाषा केवल फूहड़ गीतों तक सीमित नहीं है इस भाषा का एक समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास और साहित्य है जिसे बढ़ावा देने की आवश्यकता है
  •  भोजपुरी भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए एक लंबे समय से मांग की जा रही है
  • भोजपुरी भाषा उत्तर प्रदेश, पश्चिमी बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की मातृभाषा है

भोजपुरी भाषा को 8वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग क्यों

  •  इस भाषा का समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास और साहित्य रहा है
  •  इस भाषा को बोलने वालों की संख्या अधिक है
  • वर्ष 2011 की जनगणना रिपोर्ट के अनुसार भारत में लगभग 5 करोड़ लोग भोजपुरी भाषा बोलते हैं
  • एक अनुमान के अनुसार देश और विदेश में इस भाषा को बोलने वालों की संख्या लगभग 15 से 20 करोड़ के बीच है
  • इस भाषा में फिल्म और संगीत उद्योग भी चलाया जा रहा है जिससे लाखों लोगों को रोजगार मिल रहा है
  • भोजपुरी बोलने और लिखने वालों में हीनता की भावना को दूर करना
  • भोजपुरी बोलने वालों को गंवार और पिछड़ा होने की धारणा खत्म होगी
  •  संघ लोक सेवा आयोग और उच्चतर केंद्रीय सेवा परीक्षाओं में वैकल्पिक माध्यम के रूप में भोजपुरी भाषा की अनुमति दी जा सकेगी

8 वीं अनुसूची पर एक नजर

  • संविधान के अनुच्छेद 344(1) तथा 351 में आठवीं अनुसूची से संबंधित प्रावधान दिये गए हैं।
  •  अनुच्छेद 344(1) - राष्ट्रपति संविधान लागू होने के पाँच वर्ष पश्चात् तथा उसके बाद पुनः दस वर्ष की समाप्ति पर एक आयोग का गठन करेगा तथा इस प्रावधान के अनुसार वर्ष 1955 में राष्ट्रपति द्वारा बी.जी. खेर की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया गया |
  • संविधान के अनुच्छेद 351 के अनुसार संघ का कर्तव्य होगा कि वह हिंदी भाषा के प्रसार को बढ़ावा दे
  •  जिससे यह हिन्दुस्तानी तथा आठवीं अनुसूची में निर्दिष्ट अन्य भाषाओं के रूप, शैली तथा अभिव्यक्ति में हस्तक्षेप किये बिना सभी के लिए अभिव्यक्ति के माध्यम के रूप में कार्य कर सके

वर्तमान में संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 भाषाएँ शामिल हैं

संविधान की आठवीं अनुसूची में निम्नलिखित 22 भाषाएँ शामिल हैं:- (1) असमिया, (2) बंगाली (3) गुजराती, (4) हिंदी, (5) कन्नड, (6) कश्मीरी, (7) कोंकणी, (8) मलयालम, (9) मणिपुरी, (10) मराठी, (11) नेपाली, (12) उड़िया, (13) पंजाबी, (14) संस्कृत, (15) सिंधी, (16) तमिल, (17) तेलुगू (18) उर्दू (19) बोडो, (20) संथाली, (21) मैथिली, (22) डोंगरी।

  • इसमें से 14 भाषाओं को मूल संविधान में शामिल किया गया था
  •  सिंधी भाषा को वर्ष 1967 में तथा कोंकणी, मणिपुरी व नेपाली भाषा को वर्ष 1992 में शामिल किया गया
  •  इसके पश्चात् वर्ष 2004 में बोडो, डोगरी, मैथिली तथा संथाली भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया।

क्या है 8वीं अनुसूची में किसी भाषा के शामिल करने के मानदंड

 8वीं अनुसूची में किसी भी भाषा को शामिल करने के लिये कोई निश्चित मानदंड नहीं है

8वीं अनुसूची में शामिल होने के फायदा

  • भाषा की एक पहचान बनती है
  • किताबें उस भाषा में उपलब्ध हो जाती है
  •  संघ लोक सेवा आयोग और उच्चतर केंद्रीय सेवा परीक्षाओं में वैकल्पिक माध्यम का विकल्प मिल जाता है
  • पीएचडी जैसी उच्चतर शिक्षा प्राप्त करने का विकल्प मिलता है

अन्य भाषाओं को संविधान के 8वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग

इस समय संविधान की आठवीं अनुसची में 38 और आषाओं को शामिल किए जाने की माँग है। ये हैं: (1) अंगिका, (2) बंजारा, (3) बजिका, (4) भोजपुरी, (5) भोटी, (6) भोटिया,(7) बुंदेलखंडी (8) छत्तीसगढ़ी, (9) धतकी, (10) अंग्रेजी, (11) गढ़वाली पहाड़ी (12) गोंडी (13)गुज्जर/गुज्जरी (14) हो, (15) कचाछी, (16) कातमपुरी, (17) कारबी, (18) खासी, (19) कोडवा (कूर्ग) (20) कुक बराक, (21) कुमाउंनी (पहाड़ी), (22) कुरुख, (23) कुर्माली, (24) लेपचा, (25) लिम्बू, (26) मिजो (लूशई), (27) मगही, (28) मुंदारी, (29) नागपुरी, (30) निकोबारी, (31) पहाड़ी (हिमाचली), (32) पाली, (33) राजस्थानी, (34) सम्बलपुरी/कोसली, (35) शौरसेनी (प्राकृत), (36) सिंरैकी, (37) तेनियादी,और (तुलू)।

12:53 pm | Admin


Comments


Recommend

Jd civils,Chhattisgarh, current affairs ,cgpsc preparation ,Current affairs in Hindi ,Online exam for cgpsc

Revolt of 1857 in chhattisgarh part 2

chhattisgarh history

1857 कि कांति और छत्तीसगढ़ 1.उदयपुर का विद्रोह (1857) ⇒1852 उदयपुर के तत्कालीन जमीदार 'कल्याण सिंह' थे जिनके दो भाई शिवराज सिंह व धीराज सिं...

0
Jd civils,Chhattisgarh, current affairs ,cgpsc preparation ,Current affairs in Hindi ,Online exam for cgpsc

New District of Chhattisgarh 2024

Chhattisgarh GK

दोस्तों इस पोस्ट मे हम छत्तीसगढ़ की सामान्य जानकारी के बारे मे जानेंगे जिसके अंतर्गत छग में वर्तमान मे कितने जिले है कब-कब ये बने इत्या...

1

Subscribe to our newsletter