Hindi Diwas ,Why we Celebrate Hindi diwas

1309,2023

भारत में हर वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है यह भारत की राजभाषा है मातृभाषा के बिना किसी समाज की उन्नति संभव नही ,इसके महत्व को बताने ,इसका प्रचार-प्रसार करने देश भर में हिंदी दिवस मनाया जाता है।

HINDI DIVAS

सवाल यह है कि यह 14 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है 

वर्ष 1918 में गांधी जी ने हिन्दी साहित्य सम्मेलन में हिन्दी भाषा को राजभाषा बनाने को कहा था साथ ही इसे  जनमानस की भाषा भी कहा था। भारत की राजभाषा के प्रश्न पर 14 सितम्बर 1949 को काफी विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया कि यह भारत की राजभाषा होगी।।

भाग 17 के अध्याय की अनुच्छेद 343(1) में इस प्रकार वर्णित है.संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी। 

यह निर्णय 14 सितम्बर को लिया गया, इसी दिन हिन्दी के मूर्धन्य साहित्यकार व्यौहार राजेन्द्र सिंह का 50वाँ जन्मदिन था, इस कारण हिन्दी दिवस के लिए इस दिन को श्रेष्ठ माना गया था।

हालांकि जब राष्ट्रभाषा के रूप में इसे चुना गया और लागू किया गया तो गैर -हिन्दी  भाषी राज्यों ने इसका विरोध किया।।धीरे-धीरे राज्यों की मांग पर स्थानीय भाषाओं को राजभाषा का दर्जा दिया ,आज 22 भारत की राजभाषाएं हैं।।।इसे संविधान की 8वीं अनुसूची मे रखा गया है ध्यान रखे हिंदी भारत की राष्ट्रभाषा नही है राजभाषा Official Language है।।

 

हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 मे मनाया गया था।।आज हिंदी विश्व मे तीसरी सबसे ज्यादा बोले जानी वाली भाषा है।।।भारत मे हिंदी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है यह विश्व हिंदी दिवस से अलग है

Other Facts 

●विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी को मनाया जाता है।।

●नागालैंड की राजभाषा अंग्रेजी है 1967 मे नागालैंड असेंबली ने अंग्रेजी को राजभाषा का दर्जा दिया था।।

पप्र

प्रासंगिकता::-हिंदी दिवस मनाने से क्या हिंदी को वह दर्जा मिला जो मिलना चाहिए था ,नही ।हिंदी को आज भी दोयम दर्जा प्राप्त है आज हर कोई हिंदी दिवस पर हिंदी की बात करता है लेकिन अपने बच्चों को अंग्रेजी मीडियम मे पढ़ाते हैं दरअसल समस्या यह भी है कि हिंदी मे साहित्य ही लिखा गया है विज्ञान, चिकित्सा जैसे विषय आज हिंदी मे उपलब्ध नही है हायर एजुकेशन के लिए हिंदी मे मैटर कम है ,अनुवाद उपलब्ध भी है तो ऐसा कि वो अर्थ का अनर्थ कर देता है आज हिंदी विश्व मे तीसरी सबसे ज्यादा बोले जानी वाली भाषा है लेकिन इसे वो सम्मान प्राप्त नही है आज कोई आई डोंट नो हिंदी बोलकर अपने आप को बड़ा समझता है वैश्विक मंच चीन मंदारिन, रुस ,रसियन भाषा मे बोलता है लेकिन उन्हे कोई शर्मिंदगी महसूस नही होती ,कुल मिलाकर सिर्फ हिंदी दिवस मनाने से कुछ नही होगा ,इसके लिए बहुत काम करना होगा सारी चीजे जो आसानी से अंग्रेजी मे उपलब्ध है वो.हिंदी मे उपलब्ध कराना होगा

02:03 am | Admin


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