यूनेस्को ने कर्नाटक के होयसल मंदिर समूह को विश्वविरासत सूची में शामिल किया है। यह फैसला सऊदी अरब के रियाद में चल रहे विश्व धरोहर समिति के 45वें सत्र के दौरान लिया गयाअब भारत मे हेरिटेज लिस्ट की संख्या 42 हो गई है।।
होयसल मंदिरों की सुंदरता और जटिल निर्माण कला भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और असाधारण शिल्प कौशल का प्रमाण हैं।"होयसल मंदिर 12वीं-13वीं शताब्दी में बनाए गए थे। कला एवं साहित्य के संरक्षक माने जाते होयसल राजवंश की यह राजधानी थी। होयसला मंदिर समूह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के तहत संरक्षित स्मारक हैं। इसलिए एएसआई इसका संरक्षण और रखरखाव करता
मंदिरों के समूह में हैलेबिड,सोमनाथपुरा,बैलूर शामिल है।2014 से यूनेस्को की अस्थायी सूची मे Secred Ansembles of the Hoyasalas शामिल है।होयसला ने 10-14वीं शताब्दी तक दक्षिण भारत के कई क्षेत्रो.पर शासन किया ,इन्हे कला के संरक्षण के लिए जाना जाता है होयसला के पवित्र पहनावा होयसल वास्तुकला का अप्रतिम उदाहरण है
कर्नाटक स्थित बेल्लूर, हलेबिदु और सोमनाथपुरा के होयसल मंदिर भारत के सांस्कृतिक वैभव के प्रतीक हैं. बेल्लूर के चन्नकेश्वर ,हलेबिदु के केदारेश्वर व होयसलेश्वर मंदिर और सोमनाथपुर का केशव मंदिर उत्कृष्ट स्मारक हैं. इसमें हिंदू धर्म से संबंधित देवी देवताओं के चित्रों और मूर्तियों को उकेरा गया है.. इस साम्राज्य की राजधानी शुरू में बेल्लूर में थी जिसे बाद में हलेबिदु किया गया।।
भगवान विष्णु और उनके अवतारों को समर्पित
हलेबिदु के होयसलेश्वर मंदिर का निर्माण राजा विष्णुवर्धन के अधिकारी केतुमल्ला सेट्टी ने कराया था. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है.
हलेबिदु के ही केदारेश्वर मंदिर को होयसल काल के राजा वीरा बल्ला द्वितीय ने अपनी रानी केतला देवी के लिए बनवाया था. यह मंदिर भगवान विष्णु और उनके अवतारों को समर्पित है. मंदिर की बाहरी दीवारों पर भगवान शिव व ब्रह्मा के अवतारों और उनके वाहनों को उकेरा गया है. कर्नाटक का काष्ठ शिल्प, हाथी दांत की नक्काशी, बीदरी कला तथा स्वर्ण शिल्प कला इस मंदिर के शिल्प में झलकते हैं।।
बेल्लूर के चन्नकेश्वर मंदिर का निर्माण होयसल राजवंश के राजा विष्णुवर्धन ने कराया था. चन्नकेश्वर को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है. यह मंदिर तीन सितारों के आकार के एक मंच पर स्थापित है. इस मंदिर में प्रवेश करने पर भक्तों को स्तंभों का एक सभागृह दिखता है जो उन्हें तीन सितारों के आकार के पवित्र स्थान में ले जाता है. पूरा मंदिर मूर्तियों से अलंकृत है.
केशव मंदिर की दीवारों पर देवी-देवताओं को उकेरा गया है. इस मंदिर के शुरू में वेनुगोपाल, जनार्दनऔर केशव की नक्काशीदार मूर्तियां रखी गई थीं. मैसूर जिले के सोमनाथपुरा में केशव मंदिर स्थित है, जिसका निर्माण होयसल वंश के राजा नरसिम्हा तृतीय के मंत्री सोमदन्नायक ने कराया था.
भारत के 42 हेरिटेज मे 33 सांस्कृतिक ,7 प्राकृतिक व 1 मिश्रित है।
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Published By DeshRaj Agrawal
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