भारत कनाडा संबंध 100 वर्षों से अधिक के संबंध रहे हैं दोनो के आर्थिक ,सांस्कृतिक संबंध रहे हैं ,खालिस्तानी मुद्दे को लेकर दोनो देशों के बीच बनते बिगड़ते रहे हैं एक बार फिर दोनो देशों मे विवाद खड़ा हो गया है।।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के गैरजिम्मेदाराना बयान ने भारत-कनाडा के रिश्तों को बेहद खराब दौर में पहुंचा दिया है. एक खालिस्तानी आतंकी की हत्या का आरोप भारत पर लगाकर जस्टिन ट्रूडो ने एक बहुत बड़ी गलती तो कर दी है.भारत ने कनाडा के आरोपों को खारिज कर उसे खालिस्तानियों पर कार्रवाई की नसीहत दी है. उसने कनाडा के राजनयिक को निकाल कर वहां से निकाले गए भारत के राजनयिक का हिसाब बराबर किया. कनाडा के नागरिकों के लिए भारत का वीजा बंद कर दिया है.
दरअसल ट्रूडो ने कनाडा की संसद में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड में भारत की संलिप्तता की बात कही थी और कहा कि कनाडा की धरती पर कनाडा के नागरिक की हत्या में किसी विदेशी सरकार की संलिप्तता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. यह हमारी संप्रभुता का उल्लंघन है. यह अस्वीकार्य है.'ट्रूडो के इस बयान के बाद कनाडा सरकार ने भारत के एक शीर्ष राजनयिक को निष्कासित करने की घोषणा कर दी.
कनाडा में सिखों की आबादी आठ लाख के आसपास है. इसलिए भारत सरकार ने वहां रह रहे भारतीयों के लिए सावधानी बरतने की अपील की. कनाडा में भारत-विरोधी गतिविधियों, राजनीतिक अनदेखी के चलते बढ़ते हेट क्राइम और आपराधिक हिंसा को देखते हुए वहां मौजूद सभी भारतीय नागरिकों और यात्रा करने वाले लोगों से आग्रह किया जाता है कि वो अत्यधिक सावधानी बरतें.
कनाडा NATO के साथ G-7 का भी सदस्य है इसलिए दुनिया भर की नजर है कनाडा NATO और G-7 का भी सदस्य है. अमेरिका ने कनाडा के आरोपों पर कहा कि वो देश की परवाह किये बिना बुनियादी सिद्धांतों की रक्षा करेगा. अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने कहा कि इस मामले में अमेरिका, भारत को कोई ‘विशेष छूट’ नहीं देगा. इस मामले में अमेरिका, उच्च स्तर पर दोनों देशों के संपर्क में है।।।
इस बीच चीनी मीडिया भी इस विवाद मे कुद गया है चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी का मुखपत्र समझे जाने वाले ग्लोबल टाइम्स ने अपनी एक हालिया रिपोर्ट में कटाक्ष करते हुए कहा है कि भारत-कनाडा तनाव ने अमेरिका के लिए धर्मसंकट की स्थिति पैदा कर दी है.अखबार का कहना है कि चीन को बैलेंस करने के लिए भारत अमेरिका के काम का है, कनाडा नहीं इसलिए वो खुलकर भारत की आलोचना करने से पीछे हट रहा है.
व्यापार पर प्रभाव::::---
कनाडा-भारत के बीच साल 2023 में कारोबार 67 हजार करोड़ रुपये का था. ऐसे में अगर तनाव बढ़ता चला गया तो इससे इकोनॉमी को करीब 67000 करोड़ का नुकसान होने की संभावना है. इकोनॉमी वॉर के बाद अब आम पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है.भारत कनाडा से बड़ी मात्रा में मसूर की दाल लेता है. कनाडा के साथ राजनीतिक तनाव बढ़ने की वजह से वहां से दलहन का आयात प्रभावित होने की आशंका है. खासकर मसूर के इंपोर्ट पर असर पड़ने की संभावना सबसे ज्यादा जताई जा रही है.
बहरहाल, ये विवाद अभी थमता नहीं दिख रहा है. भारत और कनाडा दोनो अपने स्टैंड पर कायम है. कनाडा से कहा गया है कि वो भारत में भेजे गए अपने राजनयिकों की संख्या कम करे. इधर, कनाडा भी आरोपों को दोहरा रहा है. ऐसे में बहुत जल्द ये गतिरोध खत्म होता नहीं दिख रहा है.
01:12 am | Admin
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