Physiography Division of Northern plains of india

2310,2023

उत्तर भारत का विशाल मैदान 

⇒दोस्तों उत्तर भारत  का विशाल मैदान का विभाजन दो प्रकार से किया गया है......
1. भौतिक/स्थलाकृति
2. प्रादेशिक विभाजन

1.भौतिक विभाजन निम्न प्रकार से विभाजित है......                                                                                                                                                                                                                                                 1.भाबर
                            2.तराई
                            3.बांगर
                            4.खादर
                            5.डेल्टा
निर्माण –प्लेट टेक्टोनिक्स सिद्धांत के अनुसार भारतीय प्लेट और यूरेशिया प्लेट के अभिसरण से हिमालय का निर्माण हुआ है।शिवालिक से कई नदियां आती है, प्रायद्वीपीय से कई नदियां जाती है और अपना मलबा शिवालिक और प्रायद्वीप के बीच में निम्न स्थान जो की टेथिस सागर का ही भाग है उसमे जमा हो रहा है।
                  यह उत्तर में बहुत विशाल है पर्वतीय प्रदेशों से मिट्टी काटकर लाती है और अवसादी चट्टानों से निर्माण होता है।

1.भाबर –भाबर का निर्माण गिरिपदीय क्षेत्र में होता है पर्वत से उतरने वाली नदी का वेग/ परिवहन क्षमता/अपरदन क्षमता की अधिकता के कारण बहुत  सारा मलबा लाती है,गिरिपदीयके पास अचानक ढाल कम हो जाने के कारण नदी भारी मलबे को वही पर जमा कर देती हैं यह मलबा बड़े–बड़े पत्थरों बजरी, कंकड़ आदि से निर्मित होती है। इस जमे हुए अवसाद को भाबर कहते हैं।
            यह अत्यधिक परगम्य होती है।इसलिए छोटी नदियां उसमे गायब हो जाती है और भाबर के आगे कई सरिताओ के रूप में निकलती है और तराई का निर्माण करती है।यह 8-16 किमी.चौड़ा हैं।इसमें लंबी जड़े वाली वनस्पतियां पाई जाती हैं।
 
2.तराई–भाबर को पार करके जब नदी आगे निकलती है तो कई धाराओं में बंट जाती है,इस कारण यह क्षेत्र नमीयुक्त और दलदली हो जाती है इसे तराई कहते है। तराई क्षेत्र पूर्व में अधिक चौड़ा पश्चिम में थोड़ा संकरा होता है।
                   यहां पर प्राकृतिक वनस्पति और वन्यजीव अधिक पाए जाते है, कृषि कार्य वनो को साफ करके कर सकते हैं।
जैसे : - चावल, ज्वार,गन्ना आदि की कृषि की जाती है।

⇒नदियों द्वारा बहाकर लाई गई मिट्टी के जमा होने से जो मैदान बनता है उसे जलोढ मैदान कहते हैं। यह दो प्रकार की होती है....
3. बांगर।               
4. खादर 
3. बांगर –पुराना जलोढ को बांगर कहते हैं,बांगर में कंकड़ अधिक होते हैं, अशुद्ध कैल्शियम कार्बोनेट की अधिकता होती हैं। यहां भूमिगत जल पाया जाता है।

रेह –बांगर क्षेत्र मे जब अत्यधिक सिंचाई कर दी जाती है तब एक क्षारिय लवण की परत बन जाती है, इससे शोरा प्राप्त किया जाता हैं।

भूड़–जब बांगर की ऊपरी मुलायम मिट्टी अपक्षय/अपरदन के द्वारा नष्ट हो जाती है तो बचे  कंकड़ीलेक्षेत्र को भूड़ कहते हैं।

4.खादर–नवीन जलोढ मिट्टी को खादर काहा जाता है, यहां पर बाढ का जल पहुंचता है, इसलिए उपजाऊ है,कृषि के लिए सर्वोत्तम है।

5.डेल्टा –यह नवीन जलोढ से निर्मित तथा यह नदी के मुहाने पर स्थित होता है, यह खादर का ही विस्तार है।
उदा:–गंगा ब्रह्मपुत्र नदी का डेल्टा (सुंदरवन) सुंदरी नामक वृक्षों के कारण काहा जाता हैं।

01:36 am | Admin


Comments


Recommend

Jd civils,Chhattisgarh, current affairs ,cgpsc preparation ,Current affairs in Hindi ,Online exam for cgpsc

What is the Mahayana in Buddhism?

Art & culture

महायान ⇒ पहली शताब्दी ईसा पूर्व के आसपास चौथी बौद्ध परिषद के दौरान उभरा। तथा  बोधिसत्व की अवधारणा पर जोर दिया गया।  महायान...

0
Jd civils,Chhattisgarh, current affairs ,cgpsc preparation ,Current affairs in Hindi ,Online exam for cgpsc

Election Date Announced for 5 states

Vidhansabha election 2023 ,Election Dates

केंद्रीय चुनाव आयोग ने 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों के लिए तारीख का एलान आज कर दिया इस प्रकार इन राज्यों मे चुनावी बिगुल बज चुका है ,इस...

0

Subscribe to our newsletter