CLASSIFICATION OF CONSTITUTION PART 2

3010,2023

                संविधानों का वर्गीकरण

⇒दोस्तों हम विभिन्न देशों के विभिन्न – विभिन्न संविधानों को अलग – अलग आधार पर वर्गीकरण पर चर्चा कर रहे है | अब हम अगले वर्गीकरण को समझते है :-

(D) केंद्र – राज्य संबंध के आधार पर 3 प्रकार का होता है :-

   (1) संघात्मक संविधान

   (2) एकात्मक संविधान

   (3) परिसंघात्मक संविधान

(1) संघात्मक संविधान(Federal constitution) :-

  • केन्द्र और राज्य की स्थिति समान- केंद्रीय सरकार और प्रांतीय सरकार में से कोई भी एक दूसरे के अधीन नहीं होते ।
  •  केन्द्र और राज्यों के बीच शक्ति का संवैधानिक विभाजन । इसके तहत संविधान संघ सूची और राज्य सूची के माध्यम से केन्द्र और प्रांतों के बीच शक्तियों का बंटवारा करता है।
  • लिखित, कठोर और सर्वोच्च संविधान, संघात्मक शासन में संविधान सर्वोच्च होता है और संविधान में संशोधन विशेष प्रक्रिया से ही होता है। शासन की विभिन्न अंगों की शक्तियाँ तथा कार्य संविधान के अंतर्गत निर्धारित होते हैं।
  • द्विस्तरीय सरकार - संघात्मक शासन में दो स्तरों पर शासन का संचालन होता है - 1. केंद्रीय स्तर पर जिसे हम संघ सरकार के नाम से जानते हैं। 2. इकाईयों की सरकार जिसे प्रांतीय सरकार कहते हैं
  • स्वतंत्र और निष्पक्ष न्यायपालिका
  • दोहरा संविधान - केन्द्र और प्रांत का अलगअलग संविधान होता है।
  •  दोहरी नागरिकता केन्द्र और प्रांत की अलग-अलग नागरिकता होती है।
  •  प्रशासन, न्याय, निर्वाचन लेखापरीक्षण का दोहरा तंत्र
  • जैसे :- अमेरिका का संविधान

(2) एकात्मक संविधान(Unitary constitution) :-

  • केन्द्र शक्तिशाली राज्य उसका अभिकर्ता होता है, एकात्मक शासन में शासन की समस्त शक्तियों का अधिकारी केंद्रीय सरकार होती है। और केंद्रीय सरकार के के आदेशानुसार ही सम्पुर्ण देश का शासन संचालन होता है।
  •  संविधान सभी शक्तियां केन्द्र में निहित करता है और केन्द्र कुछ शक्तियाँ राज्यों को देता है
  •  अलिखित, लचीला संविधान एकात्मक व्यवस्था में संविधान में संशोधन साधारण बहुमत से किया जाता है और संशोधन प्रक्रिया में केन्द्र को प्रमुखता प्राप्त होती है।
  •  एकल सरकार (केन्द्र) एकात्मक शासन के अन्तर्गत एक ही सरकार की व्यवस्था रहती है और इसके अंतर्गत केवल केन्द्र सरकार का अस्तित्व रहता है।
  • स्वतंत्र और निष्पक्ष न्यायपालिका अनिवार्य नहीं है|
  • एकल संविधान - एकात्मक व्यवस्था में एक ही संविधान होता है जो पुरे देश के लिए होता है।
  • एकल नागरिकता - केन्द्र और प्रांत की अलग-अलग नागरिकता नहीं होती ।
  • प्रशासन, न्याय, निर्वाचन लेखापरीक्षण का एकल तंत्र होता है |
  • जैसे:-  ब्रिटेन का संविधान

(3) परिसंघात्मक संविधान(Cofederal constitution):-

  • संघ से थोड़ा अलग परिसंघ होता है (इसे महासंघ भी कहा जाता है)। ये एक ऐसी राजनैतिक व्यवस्था को कहा जाता है जिसमें दो या उस से अधिक लगभग पूर्णतः स्वतंत्र राष्ट्र या कोई संस्था समझौता कर लें कि बाक़ी विश्व के साथ वे एक ही राष्ट्र की तरह सम्बन्ध रखेंगे। जैसे कि यूरोपियन यूनियन
  • संघों की तुलना में परिसंघों के सदस्यों को अधिक स्वतंत्रता होती है । परिसंघों में कभी-कभी केवल नाम मात्र की केन्द्रीय सरकार होती है जिसके पास कोई असली शक्तियां नहीं होती ।

# भारतीय का संघवाद का स्वरूप -

भारत के संविधान में संघवाद के मूलभूत लक्षण पाये जाते हैं । अतः भारत को एक संघात्मक राज्य कहा जा सकता है। लेकिन भारत के संविधान में कुछ एकात्मक, लक्षण भी पाए जाते हैं जिसके कारण भारत के संघवाद का स्वरूप विशिष्ट हो जाता है। इसके कारण विद्वानों में इस बात को लेकर मतभेद पाया जाता है कि भारत एक संघात्मक राज्य है या नहीं ।

⇒डॉ. अंबेडकर ने इसे स्पष्ट करते हुए कहा था कि 'भारतीय संघ अमेरिका की तरह राज्यों के बीच किसी समझौते का परिणाम नहीं है।' इसीलिए किसी भी राज्य को इस संघ से बाहर जाने का कोई अधिकार नहीं है। चूंकि किसी को संघ से बाहर जाने का अधिकार नहीं है इसलिए इसे इसे Union कहा जाता है।

⇒भारतीय संघवाद के बारे में कथन

  • संविधान और बी.आर. अम्बेडकर द्वारा संघ (Union) कहा गया।
  • के.सी. व्हीयर ने इसे अर्द्धसंघात्मक (Quasi-Federal) कहा है।
  • आइवर जैनिंग्स ने एकात्मक लक्षणों वाला संघ कहा है। (Federation with Unitary features)
  • W.H. मौरिस जोन्स - सौदेबाजी का संघवाद (Bargaining federalism)
  • ग्रेनविल ऑस्टिन सहकारी संघवाद (Co-operative federalism )

 

 

01:36 am | Admin


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