अर्थव्यवस्था के संबंध में महत्वपूर्ण शब्दावली
⇒दोस्तों भारत की अर्थव्यवस्था में ज्यादातर शब्दों के मिनिंग से प्रश्न पूछा जाता है, यदि आपको शब्द का अर्थ पता है तो आगे के टॉपिक में कोई परेशानी नहीं होगी|
⇒आइये एक-एक Terminology को समझते है, जहाँ से सीधे आपके परीक्षा में प्रश्न पूछे जाते रहे है :-
⇒ बाजार के प्रकार : -
⇒अधिकारिता के आधार पर बाजार के प्रकार : -
⇒कई बार पूर्तिकर्ता आपस में मिलकर समझौता करके बाजार में एकाधिकार बनाने का प्रयास करते हैं। जिससे उपभोक्ता/क्रेता नकारात्मक रूप से प्रभावित होता है। ऐसे समझौते को कार्टेल समझौते के नाम से जाना जाता है |
कार्टेल समझौता (Cartel Agreement) : - जब तीनों बाजार मिलकर आपस में समझौता कर लें, जिससे कि बाजार में एकाधिकार जैसी स्थिति उत्पन्न होने लगे। आसान शब्दों में इसमें बहुत सारी कम्पनियां समझौता करके उत्पाद या सेवा (Product & Services) की एक ही कीमत को तय कर लेती हैं।
उदाहरण- OPEC (Organisation of Petroleum Exporting Countries) के सदस्य देश आपस में तेल की कीमत तय कर लेते हैं।
भारत में ऐसे समझौतों को रोकने के लिए MRTP (Monopolistic and Restrictive Trade Practice Act)-1969 बनाया गया है।
⇒बाजार को समझने के लिए मांग एवं पूर्ति को समझना आवश्यक है : -
मांग (Demand ) : - मांग क्रेताओं या खरीदने वालों द्वारा बनायी जाती है।
मांग का नियम (law of demand) : - मांग का नियम यह कहता है कि यदि बाजार के अन्य सभी पहलुओं को स्थिर रखा जाए तो कीमतों के गिरने पर मांग बढ़ने लगती है।
मांग वक्र (Demand Curve) : - मांग वक्र क्रेताओं के व्यवहार पर निर्भर करता है। नीचे चित्र में मांग वक्र को दर्शाया गया है। इसमें दो बिन्दुओं A1 तथा A2 बाजार की दो भिन्न स्थितियों को बताते हैं।
•बिन्दु A1- जैसा की ग्राफ में देखा जा सकता है कि बिन्दु A1 पर बाजार मूल्य गिरते ही बाजार में मांग की मात्रा बढ़ जाती है। उपभोक्ता वस्तुओं के मूल्य गिर जाने के कारण आवश्यकता न होने पर भी उन्हें खरीदने का मन बनाते हैं।
•बिन्दु A2 - जैसा की ग्राफ में देखा जा सकता है कि बिन्दु A2 पर बाजार मूल्य बढ़ते ही बाजार में मांग की मात्रा घट जाती है। उपभोक्ता वस्तुओं के मूल्य बढ़ जाने के कारण खरीदारी न करने का मन बनाते है।
पूर्ति (Supply) : - क्रेताओं (Buyers) द्वारा बनायी गयी मांग, विक्रेता या बेचने वालों द्वारा पूरी की जाती है।
पूर्ति का नियम(law of Supply) : - यह नियम यह कहता है कि यदि बाजार के अन्य सभी पहलुओं को स्थिर रखा जाए तो पूर्ति एवं मूल्य में धनात्मक सम्बन्ध होता है, अर्थात यदि किसी वस्तु का मूल्य बढ़ता जाए तो उस वस्तु की पूर्ति / उपलब्धता भी बढ़ती जाएगी।
पूर्ति वक्र(Supply Curve) : - पूर्ति वक्र विक्रेताओं के व्यवहार पर निर्भर करता है। जिस समय विक्रेता को अधिक मूल्य प्राप्त हो रहा हो उस समय विक्रेता पूर्ति को बढ़ा देता है परन्तु यदि विक्रेता को कम मूल्य प्राप्त हो तो वह वस्तुओं की पूर्ति को कम कर देता है। नीचे ग्राफ में पूर्ति वक्र को दर्शाया गया है। इसमें दो बिन्दुओं A1 तथा A2 जोकि बाजार की दो भिन्न स्थितियों को बताते हैं परन्तु दोनों की स्थितियों में पूर्ति एवं बाजार मूल्य में धनात्मक सम्बन्ध है।
बाजार वक्र (Market Curve) : - बाजार वक्र, किसी भी समय बाजार में मांग व पूर्ति पर निर्भर करता है। अतः बाजार मूल्य, मांग एवं पूर्ति के हिसाब से बदलती है।
⇒उपरोक्त ग्राफ से हम निम्न निष्कर्ष निकाल सकते है –
1. जब मांग ज्यादा तब बाजार मूल्य ज्यादा - मांग बाजार ∝ मूल्य (अनुक्रमानुपाती)
उदाहरण- अगर बाजार में किसी भी वस्तु की मांग एकाएक बढ़ जाए तो उस वस्तु की कीमत भी बढ़ने लगेगी।
2. जब पूर्ति ज्यादा तब बाजार मूल्य कम - पूर्ति ∞ 1/ बाजार मूल्य (वक्रानुपाती)
उदाहरण- यदि बाजार में किसी भी वस्तु की पूर्ति एकाएक अधिक मात्रा में होने लगे जैसे टमाटर तो उस वस्तु की कीमत भी कम होने लगेगी।
अतः हम यह कह सकते हैं कि बाजार वह काल्पनिक स्थान है जहां मांग व पूर्ति के कारण क्रेता एवं विक्रेता एक दूसरे के साथ सौदेबाजी करते हैं और सौदे बाजी करके एक नियत मूल्य पर सौदा तय करते हैं, इसी मूल्य को बाजार मूल्य कहा जाता है।
03:24 am | Admin
राजनांदगांव में चौबे बंधुओ का राष्ट्रीय आन्दोलन में योगदान 1. कुंज बिहारी चौबे : - (1) इनका जन्म 1916 को राजनांदगांव में हुआ था। उनके पिता ...
0ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जीवन परिचय : - अब्दुल कलाम का पूरा नाम अबुल पकिर जैनुलाबदीन अब्दुल कलाम था। इनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु क...
0
Subscribe
Hello...
Don't have an account? Create your account. It's take less then a minutes
Hello...
Don't have an account? Create your account. It's take less then a minutes
Hello...
Don't have an account? Create your account. It's take less then a minutes
CGPSC PRELIMS TEST SERIES 2023 -2024
CGPSC PRELIMS TEST SERIES 2023 -2024 : - दोस्तों हम आपके तैयारी को गति प्रदान करने के लिए cgpsc prelims test series आयोजित करने जा रहे है, जो सम्पूर्ण पाठ्यक्रम पर कुल 12 टेस्ट पेपर होंगे जिसमे प्रत्येक टेस्ट पर 100 प्रश्न पूछे जायेंगे तथा प्रत्येक प्रश्न 2 अंक का होगा व प्रत्येक गलत उत्तर दिए जाने पर एक – तिहाई अंक काट लिए जायेंगे |
पंजीयन करने के लिए यहाँ क्लिक करे :