Project kusha ,india to develop Intercepter missile like Israel

3110,2023

भारत साल  लंबी दूरी की एयर डिफेंस सिस्टम तैनात करने की योजना पर काम कर रहा है. 'प्रोजेक्ट कुशा' (Project Kusha )के तहत DRDO लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली स्वदेशी LR-SAM  सिस्टम विकसित कर रहा है. 

 यह एयर डिफेंस सिस्टम 250 किलोमीटर तक की दूरी पर आने वाले स्टील्थ लड़ाकू विमानों, ड्रोन, क्रूज मिसाइलों का पता लगाने में सक्षम है. इसमें रूस की एस-400 ट्रायम्फ एयर डिफेंस सिस्टम जैसी क्षमताएं होंगी.


मई 2022 में सुरक्षा पर कैबिनेट कमेटी ने  एलआर-एसएएम सिस्टम के विकास को मंजूरी दी थी. इसके बाद रक्षा मंत्रालय ने पिछले महीने एयरफोर्स के लिए 5 स्क्वाड्रनों की खरीद के लिए आवश्यकता की स्वीकृति प्रदान की.

इसमें लंबी दूरी की निगरानी और फायर कंट्रोल रडार के साथ मोबाइल एलआर-एसएएम में 150 किमी, 250 किमी और 250 किमी की दूरी पर दुश्मन टारगेट को मारने के लिए डिजाइन की गई विभिन्न प्रकार की इंटरसेप्टर मिसाइलें होंगी.  

इसमें अलग तरह की इंटरसेप्टर मिसाइलें भी होंगी, जो 150 किमी, 250 किमी और 350 किमी की रेंज तक दुश्मन को हवा में निशाना बनाने में सक्षम है.

  डीआरडीओ का कहना है कि एलआर-एसएएम सिस्टम लोड रडार क्रॉस सेक्शन वाले हाई स्पीड टारगेट्स के खिलाफ ज्यादा असरदार होगा. ये कई संवेदनशील इलाकों को हवाई सुरक्षा देंगे.

इसे 250 किलोमीटर की दूरी पर फाइटर साइज के टारगेट को मार गिराने के लिए तैयार किया जाएगा. इसमें AWACS (एयरबोर्न वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम्स) होगा. इसके साथ ही इससे 350 किलोमीटर की दूरी हवा में ईंधन भरने वाले बड़े विमानों को इंटरसेप्ट किया जा सकेगा

खास बात ये है कि ये एयर डिफेंस सिस्टम इजराइल के आयरन डोम से बहुत बेहतर होगा. ये अमेरिका के पैट्रियट एयर डिफेंस सिस्टम और रूस के S-400 को भी टक्कर देगा।अभी भारत रुस के S-400 पर निर्भर है।

भारत ने सबसे पहले 2018 में रूस के साथ S-400 की डील की थी, उस वक्त भारत ने 5, S-400 ,  40000 करोड़ रुपये में खरीदे थे,

अब तक भारत को रूस की ओर से इसके तीन स्क्वाड्रन दिए जा चुके हैं, इनमें से ज्यादातर चीन सीमा पर तैनात हैं. खास बात ये है कि चीन भी भारत की तरह रूस से ही S-400 खरीदता है. उसके पास अपना एयर डिफेंस सिस्टम है, लेकिन वह इससे कम प्रभावी है.

आज इजरायल हमास युद्ध मे इजरायल के डिंफेंस सिस्टम ने लाखों जाने बचाई है अगर यह नही होता तो इजरायल को बहुत नुकसान पहुचता।।

कुश के तैनात होने के बाद भारत उन महत्वपूर्ण देशों की सूची में शामिल हो जाएगा, जिनके पास अपना लंबी दूरी का एयर डिफेंस सिस्टम है. अभी भारत के पास अपना स्वदेशी वेरी-शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम है.

2028-29 तक भारतीय वायुसेना मे इसके शामिल होने की संभावना है।।

Published by DeshRaj Agrawal 

12:29 pm | Admin


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