Kanwar Tribe

1811,2023

      कंवर जनजाति

  • यह जनजाति छत्तीसगढ़ के उत्तर पूर्वी क्षेत्र में पाई जाती है, मुख्य रूप से बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़, जांजगीर चांपा जशपुर जिले में निवास करती है।
  • यह जनजाति अपनी उत्पत्ति महाभारत के कौरवों से बताती है। यह स्वयं को कुरुवंशी एवं चंद्रवंशी कहते हैं। यह जनजाति मुख्य रूप से तंवर, राठिया, पैकरा, चेरवा, दूध कंवर आदि उप जातियों में विभक्त हैं।
  • कंवर जनजाति का एक वर्ग जो बिलासपुर के कोरबा, पेंड्रा छुरी और लाफा आदि जमींदारियों में जमीदारी प्राप्त किए थे तवर या छत्तरी कहलाते हैं, और अपने आप को अन्य उप जातियों से उच्च मानते हैं।
  • राठिया उपजाति रायगढ़ जिले में निवास करती है, चेरवा कंवर सरगुजा जिले में निवास करते हैं।
  • पैकरा रतनपुर के कलचुरी राजा के सेना में सैनिक माने जाते हैं।
  • दूध कंवर उपजाति को डाल्टन ने कंवर जनजाति का क्रीम कहां है।
  • इनके प्रमुख देवी देवता दूल्हा देव, बाघ देव, शिकार देव, समलेश्वरी देवी है।
  • इस जनजाति के द्वारा भी गौरा महोत्सव का आयोजन किया जाता है।
  • इस जनजाति के प्रमुख देवता सगराखंड है।
  • यह जनजाति मुख्य रूप से सैन्य कार्य करती थी ।
  • संत गहिरा गुरु ( रामेश्वर) का सम्बन्ध इसी जनजाति से है

12:31 pm | Admin


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