what is T + 0 settlement

2803,2024

T+0 निपटान ( T + 0 settlement)

⇒भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने वैकल्पिक T+0 निपटान के बीटा संस्करण को लॉन्च करने की मंजूरी दी।

यह व्यवस्था कब से प्रारंभ  होगी ? : - 28 मार्च तक वैकल्पिक आधार पर T+0 निपटान व्यवस्था शुरू हो जाएगी तथा अक्टूबर 2024 तक त्वरित निपटान शुरू करने की योजना है।

SEBI द्वारा दिया गया प्रस्ताव : -

⇒T+0 सेटलमेंट को दो चरण में लागू करने का प्रस्ताव दिया था।

  1. इसके पहले चरण में 'उसी दिन निपटान' को लागू किया जाएगा।
  • खरीदार को उसी दिन शेयर मिल जाएंगे और बेचने वालों को उसी दिन फंड
  • अगर कोई व्यापार के दिन 1:30 बजे तक शेयरों का कारोबार करेगा, तो शाम 4:30 बजे तक उनका निपटान हो जाएगा।

इसके दूसरे चरण में 3:30 बजे तक किए गए सभी लेनदेन के लिए एक वैकल्पिक तत्काल व्यापार- दर-व्यापार निपटान की सुविधा दी जाएगी।

  • आरम्भ में, बाजार पूंजीकरण के आधार पर शीर्ष 500 सूचीबद्ध इक्विटी शेयरों में T+0 निपटान उपलब्ध कराया जाएगा।
  • T+1 निपटान व्यवस्था में लागू निगरानी उपाय T+0 निपटान व्यवस्था पर भी लागू होंगे

निपटान (Settlement): -

इस व्यवस्था का तात्पर्य खरीदार के डीमैट खाते में शेयरों का हस्तांतरण और विक्रेता के डीमैट खाते में बेचे गए शेयरों की राशि हस्तांतरण से है।

इसमें निश्चित समय लगता है।

T+1 ( T + 1 T + 2 T+...) संक्षिप्त रूप हैं, जो निपटान समय को संदर्भित करता है।

T का मतलब लेन-देन की तारीख है

संख्या 1, 2... निपटान में लगने वाले दिन प्रदर्शित करती है

क्या है T+0 निपटान (T+0 settlement)?

शेयर खरीदार के डीमैट खाते में खरीदारी के दिन ही शेयर हस्तांतरण होने को T+0 निपटान कहा जाता है।

T+0 निपटान के लाभ : -

  • वर्तमान भुगतान की तुलना में धन और शेयरों की तत्काल प्राप्ति को सक्षम करेगा।
  • यह निपटान की कमी के जोखिम को खत्म कर देगा
  • ऑर्डर देने से पहले फंड और शेयर दोनों उपलब्ध होने की आवश्यकता होगी।
  • निवेशक के नियंत्रण को बढ़ाकर निवेशक सुरक्षा को मजबूत करेगा।
  • भारतीय तरलता को एक परिसंपत्ति वर्ग के रूप में स्थापित करने में मदद मिलेगी।

वर्तमान में निपटान T+1 व्यवस्था पर आधारित है

  • इसके तहत निपटान व्यापार के अगले दिन तक किया जाता है।
  • इसे वर्ष 2021 में चरणबद्ध तरीके से पेश किया गया था।
  • जनवरी 2023 में इसे पूरी तरह से लागू किया गया।

निपटान व्यवस्थाओं के अन्य प्रकार

  • वर्ष 2002 से पूर्व T+5 व्यवस्था लागू थी।
  • वर्ष 2002 T+3 व्यवस्था लागू की गई।
  • वर्ष 2003 में T+2 कर दिया गया था।

 

01:10 am | Admin


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