Who is Amir Khusro

0604,2024

अमीर खुसरो

अमीर खुसरो का जन्म 'पटियाली' जिला एटा (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। उन्हे खड़ी बोली के आविष्कार का श्रेय दिया जाता है तथा ईरान के प्रसिद्ध फारसी कवि 'अर्फी' तथा 'शिराज़ी' ने खुसरो को 'तूती-ए- हिन्द' नाम से सम्बोधित किया है।

  • अलाउद्दीन खिलजी ने उन्हें "अमीर" की उपाधि दी थी।
  •  वह सूफी संत निजामुद्दीन औलिया के शिष्य थे।
  • अमीर खुसरो पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने हिंदी, हिंदवी और फ़ारसी में एक साथ लिखा।
  •  उन्होंने सात 7 सुल्तानों (बलबन, मुहम्मद, कैकुबाद, जलालुद्दीन खिलजी, अलाउद्दीन खिलजी, मुबारक शाह खिलजी, गयासुद्दीन तुगलक) का शासन देखा।
  •  उन्होंने अपने संगीत को "संगीत-ए-निंगारी" के रूप में वर्णित किया।
  •  खुसरो ने 'कौल' और 'तराना' का आविष्कार किया।
  • ख़ालिकबारी, नुह-सिपी, दीवान-ए-खुसरो, मिजान-उल-अंसाब आदि खुसरो की रचनाएं हैं।
  •  उन्हें "कव्वाली का जनक" भी कहा जाता है और उन्हें कव्वाली के निर्माण का श्रेय दिया जाता है।
  •  उन्हें ख्याल और गजल संगीत शैलियों के निर्माता के रूप में भी जाना जाता है।
  •  अमीर खुसरो ने फारसी और भारतीय संगीत के मिश्रण से कुछ नए रागों की रचना की। जैसे- सरपरदा, जिला, शहाना, पूर्वी, साजगिरी इत्यादि।
  •  इन्होंने पखावज (पखावज लकड़ी, चर्मपत्र, चमड़े और काले लेप से बना एक ताल वाद्य यंत्र है।) को दो भागों में विभाजित करके तबले का भी अविष्कार किया।

12:04 pm | Admin


Comments


Recommend

Jd civils,Chhattisgarh, current affairs ,cgpsc preparation ,Current affairs in Hindi ,Online exam for cgpsc

What is the concept of Syadvada in Jain?

philosophy

स्यादवाद  अर्थ:-  स्यादवाद एक ऐसी विचारधारा है जो यह मानता है कि ज्ञान देश ,काल व दृष्टिकोण सापेक्ष होता है। वस्तुतः यह ज्ञान की सा...

0
Jd civils,Chhattisgarh, current affairs ,cgpsc preparation ,Current affairs in Hindi ,Online exam for cgpsc

Sardar vallabhbhai patel

biography

              सरदार वल्लभ भाई पटेल परिचय :-  31 अक्टूबर को लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्मदिन राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप म...

0

Subscribe to our newsletter