जम्मू-कश्मीर को जल्द मिलेगा पूर्ण राज्य का दर्जा
⇒हाल ही में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि इस वर्ष अक्टूबर से पहले जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने की घोषणा हो सकती है।
प्रमुख बिंदु
- 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 और 35A को समाप्त किया था।
- इसके बाद जम्मू-कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेश में विभाजित कर दिया था।
- 5 अगस्त 2024 को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 के समाप्त हुए 5 वर्ष पूरे हो गए है।
- केंद्र सरकार इस वर्ष जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने की घोषणा कर सकता है।
- यहां अक्टूबर में विधानसभा चुनाव भी हो सकते हैं।
- अक्टूबर से पहले महाराष्ट्र, झारखंड और हरियाणा में चुनाव होने हैं।
- इसके बाद जम्मू-कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेश विभाजित कर दिया था।
गृह मंत्री के वादे की दिलाई याद
- रामदास अठावले ने जम्मू कश्मीर के लोगों से रिकॉर्ड तोड़ मतदान करने की अपील की।
- उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह के वादे को याद दिलाया।
- जब गृह मंत्री ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करते समय घोषणा की थी कि- जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव और राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा।
- उन्होंने लोकसभा चुनावों में यहां भारी मतदान और लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए लोगों की सराहना की।
- अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से यहां पर्यटन में काफी वृद्धि हुई है।
- विदेशियों सहित 2.11 करोड़ से अधिक पर्यटक यहां आ चुके हैं।
- प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर में अनुसूचित जाति के छात्रों को दो लाख से अधिक प्री और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति और ओबीसी छात्रों को 84,000 से अधिक छात्रवृत्ति दी है।
- जम्मू-कश्मीर के प्रत्येक जिले में एक वृद्धाश्रम शुरू करने की योजना बना रहे हैं।
- वर्तमान में जम्मू-कश्मीर में 16 वृद्धाश्रम हैं।
संसद की किसी राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में बदलने की शक्ति
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 3 का खंड (क) -
- नया राज्य बनाने का अधिकार
- नया केंद्र शासित प्रदेश बनाने का अधिकार
- राज्य का क्षेत्र बढ़ाने या घटाने का अधिकार
- किसी राज्य की सीमा में परिवर्तन का अधिकार
- किसी राज्य के नाम में परिवर्तन का अधिकार
- अनुच्छेद 3 का स्पष्टीकरण II अनुच्छेद 3 का खंड (क) के तहत संसद के पास किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के किसी हिस्से को किसी अन्य राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के साथ मिलाकर एक नया राज्य या केंद्र शासित प्रदेश बनाने की शक्ति
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
- वर्ष 1947 में, स्वतंत्रता के समय, जम्मू और कश्मीर राज्य ने पाकिस्तान या भारत में शामिल नहीं होने का फैसला किया।
- भारत ने इस फैसले का स्वागत किया, लेकिन पाकिस्तान ने राज्य को सैन्य रूप से जोड़ने का प्रयास किया।
- महाराजा हरि सिंह ने अपने क्षेत्र और पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा मारे जा रहे और लूटे जा रहे लोगों को बचाने के लिए भारत से मदद मांगी।
- तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय को स्वीकार कर लिया।
- महाराजा ने राज्य की स्वायत्तता के लिए कुछ रियायतों के साथ "विलय पत्र " पर हस्ताक्षर किए।
क्या था अनुच्छेद 370?
- अनुच्छेद 370 दरअसल भारत से जम्मू-कश्मीर के संबंधों की रूपरेखा निर्धारित करता है।
- इसे भारत के संविधान में 17 अक्तूबर, 1949 को शामिल किया गया था।
- यह अनुच्छेद जम्मू-कश्मीर को अपना संविधान खुद तैयार करने का अधिकार देता है।
- नवंबर 1956 में जम्मू-कश्मीर में अलग संविधान का काम पूरा हुआ और 26 जनवरी, 1957 को राज्य में विशेष संविधान लागू कर दिया गया।
- राज्य का नाम और सीमाओं को इसकी विधायिका की सहमति के बिना बदला नहीं जा सकता है।
- अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर के मामले में संसद को संसदीय शक्तियों का इस्तेमाल करने से रोकता है।
- भारतीय संसद जम्मू-कश्मीर के मामले में सिर्फ तीन क्षेत्रों- रक्षा, विदेश मामले और संचार के लिये कानून बना सकती है।
- इनके अलावा किसी अन्य कानून को लागू करने के लिये केंद्र सरकार को राज्य सरकार की मंजूरी अनिवार्य।
12:35 pm | Admin