Konark chakra ,Konark wheel

1009,2023

कोणार्क चक्र की चर्चा आज चारो ओर हो रही है इसका कारण है G20 सम्मेलन मे प्रधानमंत्री का G20 देशों का कोणार्क चक्र की आकृति के सामने इनका स्वागत करना ,इसके बाद से ही इसकी चर्चा शुरु हो गई।।कोणार्क चक्र उड़ीसा के पुरी मे सूर्य देव को समर्पित कोणार्क मंदिर मे स्थित है। पीएम मोदी ने  जो बाइडेन और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि  सुनक को कोणार्क चक्र के महत्व के बारे में बताया।

konark chakra

ओडिशा के कोणार्क चक्र को 13वीं शताब्दी के दौरान राजा नरसिम्हादेव-प्रथम के शासनकाल में बनाया गया था। कोणार्क चक्र वही है, जो भारत के राष्ट्रीय ध्वज में नजर आता है। 24 तीलियों वाले कोणार्क चक्र को भारत के राष्ट्रीय ध्वज में रूपांतरित किया गया, जो भारत के प्राचीन ज्ञान,  और वास्तुशिल्प उत्कृष्टता का प्रतीक है। समय हमेशा एक सा नहीं रहता, ये बदला रहता है। कोणार्क चक्र इस समय का ही प्रतीक है, जो कालचक्र के साथ-साथ प्रगति और परिवर्तन को दर्शाता है।

 यह चक्र भारत के लोकतंत्र का एक शक्तिशाली प्रतीक है, जो लोकतांत्रिक आदर्शों के लचीलेपन और समाज में प्रगति के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। भारत शुरुआत से लोकतांत्रिक मूल्‍यों का पोषक रहा है। भारत मंडपम में कोणार्क चक्र के अलावा नटराज की मूर्ति भी आकर्षण का केंद्र है। इसके अलावा भी भारतीय संस्‍कृति और कला को भारत मंडपम में दिखाया गया है।

कोणार्क सूर्य मंदिर को 1984 मे यूनेस्को ने विश्व विरासत सूची  Unesco World Heritage List मे शामिल किया  है भारतीय सांस्कृतिक विरासत को दर्शाने 10 रुपये के नोट मे इसकी आकृति है कोणार्क -कोण (किनारा) अर्क(सूर्य) से मिलकर बना है यह लाल रंग के बलूआ पत्थर व काले ग्रेनाइट. से बना है कलिंग शैली मे यह बना हुआ है 

कोणार्क चक्र सिर्फ एक कला नही है बल्कि यह समय का पहिया है यह सब घंटे ही नही बिल्कुल मिनट भी बिल्कुल सही गणना करता है यदि आप चक्र.को ध्यान से देखे तो इसमे 8 बड़े स्पोक हैं जो 24 घंटो मे 3 घंटे का एक स्पोक है.इसमे 8 माइनर स्पोक हैं मेजर व माईनर स्पोक के बीच मे 90 मिनट का अंतर है मेजर व माइनर स्पोक के बीच में अंत मे 30 बीड्स है जो 90 मिनट अर्थात 30 मिनट के 1 बीड्स मे डिवाइडेड है।।पूर्व मे स्थित चक्र सुबह से दोपहर तक के समय गणना के लिए है 

जबकि ऐसा ही सूर्यास्त होने के कारण पश्चिम दिशा मे चक्र बनाए गये हैं जिन्हे.Moondial भी कहते हैं जो दोपहर से रात के लिए हैं हमारी सास्कृतिक विरासत सिर्फ प्राचीन सभ्यता,कला ,संस्कृति का प्रतीक ही नही बल्कि वैज्ञानिक भी है।।

पोस्ट अच्छी लगी हो तो कमेंट मे बताए ,कुछ सुझाव या जानकारी इसके बारे मे हो तो जरूर बताएं ,यह हमे और जानकारी बढ़ाने मे मदद करेगा।.

06:46 am | Admin


Comments


Recommend

Jd civils,Chhattisgarh, current affairs ,cgpsc preparation ,Current affairs in Hindi ,Online exam for cgpsc

PM Vishwakarma Yojna ,How to Apply ,Loan at 5%

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर पीएम विश्वकर्मा योजना की घोषणा की ।।इस योजना के अंर्तगत पीएम ने उन सभी कारी...

1
Jd civils,Chhattisgarh, current affairs ,cgpsc preparation ,Current affairs in Hindi ,Online exam for cgpsc

What is Sankhya Philosophy

philosophy

सांख्य का सत्कार्यवाद  अर्थ -  कार्य उत्पन्न होने से पहले कारण में निहित होता है जैसे सरसों का तेलउत्पन्न होने से पहले सरसों में...

0

Subscribe to our newsletter